सागर-बुंदेलखंड में सालों से चल रही फाग गानों की परंपरा
सागर-अनरय वाले परिवारों के बीच पहुंची फाग की टोलियां
सागर-बुंदेलखंड में सालों से चल रही फाग गानों की परंपरा
जैसीनगर सहित ग्रामीण अंचलों में बुंदेली फाग की टोलियां ढोल नगाड़े की धुन पर नाचते गाते हुए उन परिवारों के बीच पहुंची जहां अनरय था। वैसे भी हमारे बुंदेलखंड में अनरय वाले परिवार में गुलाल लगाने की परंपरा आज भी कायम है। यह लोग ऐसे परिवारों में जाकर न केवल गुलाल लगाते है बल्कि फाग भी गाते है। बताया जाता है कि साल में जिस परिवार में किसी सदस्य की जान चली जाती है, तो ऐसे परिवारों के बीच यह लोग पहुंचते हैं और उस परिवार के सदस्यों को गुलाल लगाकर होली उत्सव में शामिल करते हैं, यह क्रम रंग पंचमी तक चलता है और रंग पंचमी तक बुंदेली फाग की धूम रहती है। जहां अलग-अलग गांव और शहरों में बुंदेली फाग की टोलियां ढोलक-नगाड़े की धुन पर पारंपरिक बुंदेली गीत फाग गाते हैं।
By - Brajendra Rackwar Sagar TV News from Jaisinagar.