सागर-चिकन पॉक्स दैवीय प्रकोप नहीं, कोरोना से ज्यादा संक्रामक है यह बीमारी
चिकन पॉक्स दैवीय प्रकोप नहीं कोरोना जैसी संक्रामक यह बीमारी !
सागर-चिकन पॉक्स दैवीय प्रकोप नहीं, कोरोना से ज्यादा संक्रामक है यह बीमारी
चिकन पॉक्स कोरोना से भी तेज फैलने वाली संक्रमित बीमारी है और अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो जाती है. यह कहना है बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज,सागर के वरिष्ठ चिकित्सक मनीष जैन का. उन्होंने बताया कि इस बीमारी के होने से शरीर पर छोटे-छोटे दाने फफोले के रूप में निकल आते हैं और उनमें पस भरा होता है.बुंदेलखंड के लोग इस बीमारी को ‘माता’ का या दैवीय प्रकोप का आना बताते है.अक्सर यह बीमारी होते ही लोग इलाज कराने की जगह माता की पूजन-अर्चना करते रहते हैं. यह उनकी आस्था का विषय हो सकता है,लेकिन इसके साथ ही चिकन पॉक्स का इलाज कराना भी जरूरी है. समय पर इलाज ना मिलने की वजह से ऐसे केस कभी-कभी गंभीर हो जाते हैं, यहां तक कि पीड़ित की जान तक चली जाती है, इसलिए समय पर इसका इलाज जरूर कराना चाहिए. सागर जिले के खुरई में पिछले दिनों चिकन पॉक्स बीमारी से 6 महीने की एक बच्ची की जान चली गई थी. फिर कुछ दिन बादउसी मुहल्ले में रहने वाले अन्य लोगों में भी इस बीमारी के लक्षण पाए गए. जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर मनीष जैन बताते है कि चिकन पॉक्स एक संक्रमित वायरस है. पहले इसमें बुखार आता है फिर छोटे छोटे दाने आते है. 7 से 8 दिन तक बुखार का असर रहता है. और जो दाने उभरते है वह भी 12-13 दिन तक रहते है. इसके लिए बहुत सारी दवाइयां है जो इसे कंट्रोल करती है. समय से इलाज हो जाए तो कोई दिक्कत नहीं आती है. जब इसमें दाने सूखने लगते है तब यह सबसे ज्यादा फैलता है . इसलिए जब किसी को चिकन पॉक्स आ रहा है तो उसको घर के अन्य लोगों से अलग आइसोलेट रहना होगा और किसी से भी नहीं मिलना है क्योंकि यह बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी है. यह कोविड से ज्यादा तेज फैलने वाली बीमारी है. किसी छोटे बच्चे को यह बीमारी होती है तो उस घर में सावधानी रखने की विशेष जरूरत होती है. .