सागर-पहाड़ी पर बना भगवान भोलेनाथ का अद्भुत मंदिर, साल में केवल 3 मौकों पर खुलता है
सागर-पहाड़ी पर बना भगवान भोलेनाथ का अद्भुत मंदिर, साल में केवल 3 मौकों पर खुलता है
सागर-10 वी 11 वी शताब्दी का शिव मंदिर एक शिवलिंग में 1 हजार आठ शिवलिंग
सागर जिले के खुरई के पाली गांव की पहाड़ी पर एक ऐसा शिव मंदिर बना हुआ है। जो केवल तीन मौकों पर ही खुलता है। 10 वीं 11 वीं शताब्दी का यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना है। महाशिवरात्रि के दिन यहां बडी संख्या में भक्त दूर-दूर से आते है जो भगवान षिव की भक्ति में डूबे रहते है।
वर्तमान में यह मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है जो सिर्फ सावन सोमवार, महाशिवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही दर्शनार्थियों के लिए खोला जाता है। खास बात यह है कि यहां स्थित शिवलिंग में एक हजार आठ शिवलिंग के छोटे छोटे भी आकार है जिनके दर्षन भक्त एक ही बार में कर लेते है। हालांकि लोगों का कहना है कि पूजा के लिए मंदिर का द्वार हमेशा खुला रहना चाहिए ताकि गांव के अलावा दूसरे शहरों से आने वाले लोग भी पूजा कर सके। शिवरात्रि पर यहां बड़ी संख्या में शिव भक्त आते है। अभी मंदिर का सिर्फ गर्भ गृह ही मौजूद है, मंदिर का आकर्षक प्रवेश द्वार और उस पर उकेरी अप्सराओं, नर्तकियों और कुछ प्रेमालाप करती प्रतिमाएं खजुराहो की याद दिला देती है। बताया जाता है कि शिवलिंग पर चावल और पानी अर्पित किए जाने से षिवलिंग को नुकसान पहुंचने लगा था। इसे बचाने के लिए पुरातत्व विभाग ने मंदिर को अपने अधीन कर लिया।