अधिकारियों के साथ जिला अस्पताल रेट्रोफिटिंग परियोजना कार्यों के स्थल का किया निरीक्षण, कलेक्टर ने ली समीक्षा बैठक
Stvn Sagar Desk सागर- अस्पताल में आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) व इन पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) दो अलग-अलग भाग होते हैं। जिला अस्पताल में ओपीडी व आईपीडी की व्यवस्थाओं को अलग-अलग हॉस्पिटल के मानक अनुसार व्यवस्थित करें। ताकि जिला हॉस्पिटल के अंदर भीड़-भाड़ को नियंत्रित कर मैनेजमेंट को दुरुस्त किया जा सके। उक्त निर्देश कलेक्टर एवं सह अध्यक्ष सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड श्री दीपक आर्य ने दिए। वे कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ श्री चंद्रशेखर शुक्ला के साथ जिला अस्पताल रेट्रोफिटिंग परियोजना कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वाले रोगी को अधिकांश भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती है और यहाँ मरीजों का आना-जाना लगातार लगा रहता है, जिससे इस क्षेत्र में भीड़-भाड़ लगातार बनी रहती है। जबकि आईपीडी में मरीज एक बार भर्ती होने के पश्चात अधिकतर ठीक होने पर छुट्टी मिलने के बाद ही बाहर आता है और यहाँ भीड़ का कोई काम नहीं होता। उन्होंने कहा हॉस्पिटल भवन के मुख्य गेट के पास ही कैजुअल्टी विभाग को तैयार करें। जिला हॉस्पिटल में ओपीडी व आईपीडी व्यवस्थाओं को अलग-अलग स्थलों पर व्यवस्थित करें। इससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा और ओपीडी को शाम को बंद भी किया जा सकता है, जिससे अस्पताल का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा। साथ ही इससे मरीजों व उनके परिजनों को उपयुक्त व बेहतर सुविधाएं देने के साथ ही हॉस्पिटल प्रबंधकों को भी सहूलियत होगी। उन्होंने जिला चिकित्सालय में डॉक्टर्स की ड्यूटी आदि की जानकारी लेते हुए कहा कि जिला अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर्स को भी बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए ताकि वे स्ट्रेस फ्री होकर पूरे मनोयोग से मरीजों का उपचार करें। इसके लिए डॉक्टर्स चैंबर व रूम्स को भी सुव्यवस्थित तरीके से पुनर्विकसित करें। टॉयलेट व ड्रेनेज़ सिस्टम को दुरुस्त करें व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। कलेक्टर श्री आर्य ने जिला अस्पताल में चल रहे कायाकल्प के कार्य का बारीकी से निरीक्षण कर कहा कि इस परिसर में लगे सभी अनावश्यक झाड़-झाड़ियां आदि तत्काल हटाएं ताकि आसानी से साफ-सफाई की जा सके और परिसर को स्वच्छ रखा जा सके।