आजीविका समूह की महिलाएं अब पशुचिकित्सा सेवा में दे सकेंगी अपनी सेवाएं
Stvn Information Desk नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड आनंद, गुजरात के तत्वावधान में आजीविका मिशन की सागर जिले की 31 महिला किसानों ने 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इनमें से 6 महिलाओं ने भोपाल में और 25 महिलाओं ने कम्युनिटी ट्रेनिंग सेन्टर देवरी में प्रशिक्षण लिया। अगस्त माह में आयोजित इस प्रशिक्षण में पशुपालन विभाग के योग्य चिकित्सक डॉ. रूपेंद्र और उनके साथियों ने महिलाओं को पशु स्वास्थ्य, पशु पोषण, पशु आहार, पशुओं की उचित देखभाल आहार वैलेसिंग, स्वच्छ दूध उत्पादन, उत्तम पशुपालन विषयों पर प्रशिक्षित किया। इस प्रशिक्षण के उपरांत इन महिलाओं का प्रमाण पत्र जारी किया गया है। आरसीटी के द्वारा कल परीक्षा का संपादन किया गया। 300 नंबर की इस परीक्षा में 100 अंक आंतरिक मूल्यांकन के थे। 100 अंकों की ऑनलाइन लिखित परीक्षा, 50 अंकों की मौखिक परीक्षा एवं 50 अंकों का प्रेक्टिकल रखा गया था। इस परीक्षा में जिले से 3 महिलाएं अनुपस्थित रही और 2 महिलाओं ने प्रेक्टिकल में हिस्सा नहीं लिया, शेष सभी महिलाओं ने प्रमाण पत्र परीक्षा को उर्त्तीण किया, और उन्हें भारत शासन के द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया गया है। प्रमाणन होने के उपरांत अब यह महिलाएं पंचायत स्तर पर पशु टीकाकरण कैंप का आयोजन, पशुओं की टैगिंग, दुधारू पशुओं का आहार, आयुर्वेदिक विधियों से बनाई जाने वाली दवाइयों का निर्माण कर पशु चिकित्सा सेवा में अपनी सेवाएं देंगी। इस कार्य के लिए शासन के द्वारा निर्धारित शुल्क पशुपालन विभाग के द्वारा इन्हें प्रदान किया जावेगा। परीक्षक के रूप में आरसीटी के ओर से ओ.पी चतुर्वेदी और पशुपालन विभाग के दो पशु चिकित्सक के डॉ. रूपेन्द्र सिंह, एनडीडीबी से प्रकाश राव, आजीविका मिशन से अनूप तिवारी, नीरज डहरवाल समूची प्रक्रिया के सहयोगी रहे। देवरी विकासखंड से साथ केसली विकासखंड की टीम, बंडा विकासखंड से सात, रहली से दो, खुरई से एक, राहतगढ़ से एक मालथौन से एक समेत 26 महिलाओं को यह प्रमाण पत्र दिए गए। सागर के इस सेंटर में शिवपुरी जिले की भी 4 महिलाओं ने परीक्षा दी थी।