सागर-तत्कालीन महिला-पुरुष सरपंच,सचिव और जनपद पंचायत के उपयंत्री को 10-10 साल की सजा
सागर जिले के बीना कोर्ट ने गुरुवार को एक चर्चित मामले में 13 साल बाद फैसला सुनाया। जिसमें सड़क निर्माण में हुए फर्जीवाड़े में तत्कालीन सरपंच, तत्कालीन महिला सरपंच के अलावा सचिव और जनपद पंचायत के उपयंत्री को 10-10 साल की सजा के साथ ही दस-दस हजार रूपए जुर्माना लगाया है। अपर लोक अभियोजक श्यामसुंदर गुप्ता के मुताबिक ग्राम पंचायत भानगढ़ में साल 2009-10 में विधायक विकास निधि से सीसी रोड का निर्माण मनोज जैन के मकान से बहादुर सेन के मकान तक 1 लाख 99 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने पर किया जाना था। कार्यालयीन दस्तावेज के अनुसार 4 अगस्त 2009 को उपयंत्री प्रवीण असाटी ने ले-आउट प्रदान करने पर एक लाख पहली किस्त, तत्कालीन सरपंच रामाधार चढ़ार, सचिव रोहित कुर्मी को दिए। इसके बाद दूसरी किश्त तत्कालीन सरपंच ज्ञानबाई आदिवासी और सचिव रोहित कुर्मी को 75 हजार रुपए दिए गए। इसके बाद इन्हीं के लिए तीसरी किस्त 24 हजार रुपए दी गई। काम का मूल्यांकन उपयंत्री प्रवीण असाटी ने किया। शिकायत होने पर जब काम की जांच की गई, तो उस जगह पर सड़क का निर्माण होना नहीं पाया गया। इसके बाद सरपंच ज्ञानबाई द्वारा 1 लाख 99 हजार रुपए की राशि जमा कर दी गई। कलेक्टर के आदेश पर दोषियों के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया। निर्माण एजेंसी द्वारा काम नहीं किए जाने और फर्जी दस्तावेज बिल, बाउचर तैयार कर राशि 1 लाख 99 हजार रुपए का गबन किया गया। जांच में दोषियों के खिलाफ साक्ष्य मिलने पर न्यायाधीश ने दस-दस साल की सजा और दस-दस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। सभी आरोपियों को जेल वारंट जारी कर जेल भेज दिया है।