घर में शांति चाहिए तो पत्नी से सॉरी बोलना सीखो, बोले - पं. धीरेंद्र शास्त्री पत्नी से हारना सीख लो, सुखी रहोगे
दमोह- दमोह में चल रही श्रीराम कथा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने लोगों को घर में शांति बनाए रखने का मंत्र दिया है। उन्होंने कहा कि यदि घर में सुख शांति चाहिए तो पत्नी से सॉरी बोलना सीख लो। पत्नी से जीतने की कोशिश करोगे, तो मुश्किल में पड़ जाओगे। उनका यह वक्तव्य सुनकर पंडाल में मौजूद हजारों लोग तालियां बजाने लगे और महिलाओं के चेहरे खिलखिला उठे। दरअसल होमगार्ड मैदान में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन चल रहा है। कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार को श्री राम कथा का वाचन करते हुए भगवान राम और भरत के प्रेम का वृतांत सुनाया, जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान राम हमेशा अपने भाइयों से खेल में हार जाते थे। क्योंकि उनकी हार में ही उनकी जीत थी। अपने परिवार में जीतना कोई शाबाशी का काम नहीं है, इसलिए मैं कहता हूं कि यदि घर में सुख शांति चाहिए, तो अपनी पत्नी से हारना सीख लो, उससे सॉरी बोलना सीख लो। शास्त्री ने कहा कि अपनों से हारना चाहिए, जो अपनों से जीतना चाहता है वह अपना नहीं है। जो अपने घर में हारने के संकल्प से चलता है, उसका घर हमेशा मंदिर बना रहता है और लड़ाई नहीं होती। पति पत्नी में लड़ाई होती है, तो पति को हार जाना चाहिए। उन्होंने चंगीलाल और मुन्नी बाई का उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार दोनों में झगड़ा हुआ और चंगी चंगीलाल जीत गया। जब रात में मुन्नी बाई ने खाना बनाया तो पूरे खाने में मिर्च डाल दी और घर का पानी भी फेंक दिया। खाना खाते ही जब चंगी लाल को मिर्ची लगी तो उसने पत्नी से पानी मांगा। मुन्नीबाई ने कहा कि मुझसे माफी मांगो। चंगीलाल ने माफी मांगने में 1 मिनट भी नहीं लगाया, तब जाकर उसे पानी मिला। पत्नी से जीतने वालों का यही हाल होता है।