ओपन टैरेस गार्डन स्पर्धा के विजेताओं को पुरस्कार राशि, शील्ड और प्रशस्ति पत्र से कलेक्टर और निगमायुक्त ने किया सम्मानित
सागर- औषधीय एवं पुष्पीय पौधे जैसे तुलसी, मीठी नीम, गुलाब, गुड़हल, गेंदा आदि सहित सुन्दर पौधों को लगाने से हमारे घरों की सुंदरता बढ़ने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी हम सहयोगी बनते हैं। ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन प्रतिवर्ष होना चाहिए। उक्त विचार कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने व्यक्त किए। वे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ स्मार्ट सिटी चन्द्रशेखर शुक्ला के साथ सागर गौरव दिवस एवं स्वच्छ सर्वेक्षण के उपलक्ष्य में सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा आयोजित हुई। ओपन टैरिस गार्डन स्पर्धा के विजेताओं एवं प्रतिभागियों को सम्मानित कर रहे थे। उन्होंने प्रतिस्पर्धा के प्रतिभागियों से चर्चा करते हुए गार्डन तैयार करने में लगे समय और उसकी देखभाल करने जैसे सवालों के साथ जानकारी ली, जिसमें अलग-अलग नागरिकों ने बताया कि हमारा गार्डन 5 साल पुराना हो गया, किसी ने कहा 3 साल से देखभाल कर रहे हैं। एक महिला प्रतिभागी ने बताया कि मैं स्वयं कपड़े एवं सीमेंट मिट्टी आदि से गमलों का निर्माण करती हूँ और पौधों को लगाकर गार्डन तैयार किया है। इस दौरान कलेक्टर श्री आर्य ने उपस्थित नागरिकों से शहर के विकास की विभिन्न परियोजनाओं में किए जा रहे कार्यों का फीडबैक भी लिया और एसआर-2 सहित शहर की सड़कों पर व्यवस्थित यातायात हेतु पार्किंग में ही अपने वाहनों को खड़ा करने की अपील करते हुए कहा कि शहर को सुंदर, स्वच्छ व व्यवस्थित बनाने की जिम्मेदारी प्रशासन के साथ-साथ आमजन की भी है। प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं का आप सही उपयोग करें और अपने शहर को सहयोग करते हुए प्रदेश व देश में नंबर वन बनाएं। शहर की स्वच्छता में नागरिकों द्वारा तैयार किए गए टैरिस गार्डन भी महत्वपूर्ण हैं। सभी विजेताओं ने बहुत मेहनत कर सुंदर गार्डन तैयार किए हैं। सभी विजेताओं एवं सभी प्रतिभागियों को बहुत बहुत बधाई। इन्हें मिला पुरस्कार प्रथम पुरस्कार -डॉ. नीरज दुबे द्वितीय पुरस्कार-प्रोफेसर संजीव दुबे और आराधना झा, तृतीय पुरस्कार- अवधेश कुमार सिंह ने प्राप्त किया, डॉ वंदना गुप्ता भी रही, इसके अलावा टॉप 11 प्रतिभागी जिन्होंने कुल 50 अंक में से 30 से अधिक अंक प्राप्त किए थे, उन्हें भी शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र और अन्य सभी प्रतिभागियों को भी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।