बड़ा आदमी जब झुकता है तो उसमें कुछ राज अवश्य होता है, बोले- हृषीकेष जी महाराज

सागर- राजघाट रोड पर ग्राम मझगुवां अहीर में नीरज तिवारी फार्म हाऊस पर आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में कथा में समापन दिवस पर सोमवार को कथा मंच पर रूकमणी विवाह और श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन के प्रसंग का सजीव प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर कथा व्यास राजघाट धाम के महंत श्री हृषीकेष जी महाराज ने कंस द्वारा श्रीकृष्ण को निमंत्रित किये जाने का उल्लेख करते हुए बताया कि बड़े आदमी के झुकने का भी राज होता है। बड़ा आदमी कभी भी ऐसे ही नहीं झुकता है। इसी तरह अहंकारी कंस ने भी श्रीकृष्ण को अक्रूर को भेजकर निमंत्रित किया था।
स्वामी हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि आनंदरूपी श्रीकृष्ण सभी के हैं। भक्ति का द्वार खोलना है। श्रीकृष्ण आनंदघन हैं इनके बिना हम आगे के लाखों साल में भी भक्ति प्राप्त नहीं कर सकते। भजन करने पर आप सभी का समान अधिकार है और प्रथम कर्तव्य भी है। भगवान की लीला देखिए कि ब्रज में सौन्दर्य की देवी लक्ष्मीजी का प्रवेश नहीं है जबकि कंडे थापने वाली गोपियों का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि धरती पर भक्ति सुलभ है और स्वर्ग में भक्ति दुर्लभ है। हम विषय रस में डूबे जल रहे हैं। श्रीकृष्ण कथा जो सुलभ है उसका पान नहीं कर रहे हैं। स्वामी हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि जो हमसे प्रेम करे उससे हम प्रेम करें यह तो व्यापार ही हुआ। प्रेम न करने वाले से प्रेम करने वाले माता-पिता और संत होते हैं। जो किसी से भी प्रेम नहीं करते वे आत्मरूप में मस्त अथवा अद्वैत अवस्था, पागल टाइप अथवा जानबूझकर ऐसा करने वाले होते हैं।


By - sagartvnews
27-Dec-2022

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