अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर, होटल राम सरोज में संपन्न हुआ कवि सम्मेलन
सागर- कभी हास्य के फुहारों में गोता लगाते श्रोता तो कभी वीर रस की कविता पर फडक़ती भुजा और इनके सबके बीच खुले मैदान में गूंजती तालियों की गडगड़़ाहट। नगर निगम सभापति शैलेष केशरवानी की ओर से होटल रामसरोज पैलेस में श्रेद्धय अटल बिहारी वाजपेयी जी जन्मदिन के अवसर पर संध्या में आयोजित कवि सम्मेलन में कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दिया कवि सम्मेलन की शुरुआत वीर रस की कवियत्री कविता तिवारी ने मां शारदे की आराधना से की। जिसमें आमंत्रित कवि कुलदीप रंगीला हास्य कवि देवास, शिव शैलेन्द्र यादव गीतकार धार, अविनीश पाठक सूर्य ओज, सिवनी ,स्वर कोकिला माधुरी किरण कवयित्री रायपुर, अखिल जैन आनंद हास्य कवि सागर, इस कवि सम्मेलन के संचालक होंगे बीना से हास्य सम्राट कवि सुनील समैया ने अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिंदा है, तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिंदा है। ना भाषण से है उम्मीदें ना वादों पर है भरोसा, शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान है जिंदा जैसी कविता सुनाई। कवि सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए सांसद राजबहादुर सिंह ने कहा कि एक समय था जब भारतीयों में हर राष्ट्रीय और धार्मिक पर्वों पर कवि सम्मेलनों का आयोजन किया जाता था। मनोरंजन के सीमित संसाधनों के चलते कवि सम्मेलन एक महाआयोजन सा होता था और श्रृंगार से हास्य तक और करुण से वीर रस तक सब कुछ जन-जन के मन तक पहुंचता था। आज इतने सुंदर आयोजन के लिए मैं आयोजक शैलेश केशरवानी को शुभकामनाएं देता हूं।