खुशियों की दास्ता सहजन अर्थात मोरिंगा को टेबलेट के रूप में बाजार में उतारा, महिला समूह की उद्यमिता
सागर -जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड केसली की महिलाओं ने मोरिंगा को अब लोगों की सहजता से उपलब्ध हो। कराने लिए टेबलेट फॉर्म में तैयार किया। मोरिंगा को बहुत ही पौष्टिक माना जाता है। सहजन के पोषण गुणों से सभी लोग वाकिफ है। पौष्टिकता में इसका कोई मुकाबला नहीं है। इसकी पत्तियों के नियमित सेवन से लोगों में तंदुरुस्ती आती है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विशेषकर कोविड-19 के दौर से गुजरे हुए लोग जानते हैं कि शरीर के अंदर इम्यूनिटी पावर का बड़ा महत्व है। इसी बात के मद्देनजर ओम जय जगदीश हरे महिला स्वयं सहायता समूह, जो पहले से मोरिंगा का पाउडर बनाकर पैक करते हुए बाजार में बेच रहा था, अब उसे टेबलेट के रूप में भी बनाना शुरू कर दिया है। प्रभास मुंडोतिया जिला प्रबंधक ने बताया कि एफएसएसएआई के अंतर्गत पंजीकृत यह उत्पाद सभी के लिए लाभकारी है। टेबलेट को पानी के माध्यम से आसानी से ले सकते हैं। यह 120 और 60 टेबलेट की अलग-अलग पैकिंग में उपलब्ध है। आजीविका मिशन की महिलाएं मनरेगा के अंतर्गत मोरिंगा की नर्सरी बना रही है। प्रत्येक नर्सरी में 25000 पौधे तैयार होंगे।