नसबंदी ऑपरेशन में लापरवाही एक महिला को बचाया नहीं जा सका
अस्पताल में नसबंदी शिविर में बड़ी लापरवाही सामने आई है जिसका खामियाजा एक महिला को अपनी जान गंवाकर उठाना पड़ा। घटना एमपी के शिवपुरी जिले के पोहरी सामुदायिक अस्पताल केंद्र की है। आरोप है की महिला की जाना जाने के मामले में अस्पताल के स्टाफ ने लापरवाही बरती है। वहीं उसकी जान जाने के बाद तीन डाक्टरों के पैनल ने कैमरों की निगरानी में डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया। मृतिका की ननद के मुताबिक शनिवार को पोहरी के सामुदायिक अस्पताल में आयोजित नसबंदी शिविर में डांगबर्बे की रहने वाली 26 साल की कौशल्या आदिवासी को आशा कार्यकर्ता नसबंदी कराने के लिए शिविर में लेकर पहुंची थी। उसने मदद के लिए अपनी ननद कमलेश को बुला लिया था। कौशल्या का एलटीटी ऑपरेशन करने के बाद उसे पलंग पर लिटा दिया था। लेकिन कुछ ही देर बाद वो दर्द से तड़पने लगी। जिस पर ननद कमलेश ने वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ को इस बारे में बताया। लेकिन उन्होंने इसे अनदेखा करते हुए कहा की थोड़ा बहुत दर्द होता है। कुछ देर बाद दर्द और भी बढ़ गया तो ननद ने फिर नर्सिंग स्टाफ को बुलाया। जिन्होंने कौशल्या की हालत देख डॉक्टरों को बुलाया। जिसके बाद महिला को तत्काल शिवपुरी रैफर कर दिया। लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। इस मामले में सीएमएचओ पवन जैन का कहना है। कि पोहरी में नशबंदी का मामला आया था। महिला को शिवपुरी अस्पताल लाया गया था। लेकिन उसकी जान चली गयी थी। महिला के परिजनों को 50 हजार की सहायता दी है वहीं इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।