देश की पहली ट्रांसजेंडर कथक डांसर, बोलीं- मैं किन्नर, हिजड़ा या छक्का नहीं हूं, मैं ट्रांसजेंडर महिला हूं
भोपाल- देश की पहली ट्रांसजेंडर कथक डांसर की कहानी:बोलीं- मैं किन्नर, हिजड़ा या छक्का नहीं हूं, मैं ट्रांसजेंडर महिला हूं 14 दिसंबर की रात, जगह- भोपाल हाट मेला, ठंड अपने दिसंबर वाले मिजाज में थी, लेकिन माहौल में गरमाहट थी। कथक पर जब उसके पांव थिरके तो लोग वाह-वाह कह उठे। खूब तालियां बंटोरी। 9 साल की उम्र में चचेरे भाई ने कई बार रेप किया। पैदा पुरुष के शरीर में हुई, लेकिन आत्मा स्त्री की थी। बचपन से एहसास था कि मैं औरों से अलग हूं। 14 साल की उम्र में पुरुष होकर स्त्री की तरह बर्ताव करने के कारण मुझे घर छोड़ना पड़ा। लोगों को लगता है कि मैं किन्नर, हिजड़ा या छक्का हूं, लेकिन नहीं मैं एक ट्रांसजेंडर लेडी हूं। बचपन में ही शोषण का शिकार हो जाने की वजह से मैं टूट चुकी थी। मेरे करीबी रिश्तेदार ही मुझे बंद कमरे में ले गया और उसने मेरा शोषण किया। मैंने जब पलटकर कहा कि मैं यह मम्मी-पापा से बोलूंगी। तो वह उन्हें ही जान से मारने की धमकी देकर मुझे डराता था। देविका उर्फ देवेंद्र ने बताया कि सोसाइटी द्वारा किए गए सभी जुल्मों का बदला वो आज अपनी सक्सेस से ले रही हैं। डॉक्टर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की सलाह से उन्होंने हार्मोन की दवा लेनी शुरू की। 2014 में देविका ने सर्जरी करवाई और अब वह पूरी तरह से एक महिला बन चुकी हैं।