जयपुर के गोविंदगढ़ के पास नरसिंहपुरा गांव में अनोखी शादी हुई। 30 साल की पूजा सिंह ने गांव के मंदिर में विराजमान भगवान ठाकुरजी से शादी कर ली। ये शादी 8 दिसंबर को हुई। शादी के बाद पूजा अपने घर पर ही रहती हैं और ठाकुरजी मंदिर में। पूजा उनके लिए सवेरे भोग बनाकर ले जाती हैं। उनके लिए पोशाक बनाती हैं और शाम को दर्शन के लिए जाती है।
पूजा ने बताया की मैंने तुलसी विवाह के बारे में सुन रखा था। एक बार अपने ननिहाल में देखा भी था। सोचा कि जब ठाकुरजी तुलसाजी से विवाह कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं ठाकुरजी से विवाह कर सकती। मैंने इसके बारे में पंडित जी से पूछा तो उन्होंने भी कहा कि ऐसा हो सकता है। इसके बाद मां से बात की, शुरू में तो वे बोली कि ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन फिर मान गई। जब हमने पापा को बताया तो वे नाराज हो गए और साफ मना कर दिया। नाराजगी के कारण पापा इस शादी में भी नहीं आए। बहुत से लोगों ने सपोर्ट किया और बहुत से लोगों ने मजाक भी बनाया, लेकिन मुझे उनकी चिंता नहीं है। दो साल से मैं यह विवाह करना चाहती थी, लेकिन आखिरकार यह अब हुआ है। मैंने परमेश्वर को ही अपना पति बना लिया है। लोग कहते थे कि सुहागन होना लड़की के लिए सौभाग्य की बात होती है। भगवान तो अमर होते हैं, इसलिए मैं भी अब हमेशा के लिए सुहागन हो गई हूं। तीस साल की पूजा सिंह पॉलिटिकल साइंस से एमए हैं। पिता प्रेमसिंह बीएसएफ से रिटायर हैं और एमपी में सिक्योरिटी एजेंसी चलाते हैं। मां रतन कंवर गृहणी हैं। तीन छोटे भाई हैं अंशुमान सिंह, युवराज और शिवराज। तीनों कॉलेज और स्कूल की पढ़ाई कर रहे हैं। ठाकुरजी से विवाह का फैसला उनका खुद का था। शुरू में समाज, रिश्तेदार और परिवार के लोग इस पर सहमत नहीं हुए, लेकिन फिर मां ने जरुर बेटी की इच्छा का सम्मान कर सहमति दे दी थी। पिता ना पहले राजी थे और ना ही आज। इसीलिए शादी में भी नहीं आए। सारी रस्में मां ने ही पूरी की।
सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.