भोपाल- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल में ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों की क्लास ली। यहां के जम्बूरी मैदान पर सरपंचों का सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां सीएम ने सरपंचों से कहा कि आप मेरी आंख और कान बन जाओ। कोई गड़बड़ करे तो मुझे फोन करके बताओ।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने सरपंचों को 9 थीम पर पंचायतों का विकास करने का मंत्र दिया। साथ ही सरपंचों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा भी की। अब सरपंचों को 1750 रुपए के बजाए 4250 रुपए का मानदेय मिलेगा। इस सम्मेलन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों के साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सरपंचों को रुलर डेवलपमेंट यानी पंचायत के विकास की प्लानिंग को लेकर प्रशिक्षण दिया। बतौर मास्टर ट्रेनर सीएम ने सरपंचों को गांवों के विकास के लिए चल रही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की प्लानिंग, क्रियान्वयन और उनके अधिकारों के बारे में समझाया। सीएम ने सरपंचों के सम्मेलन की शुरुआत में महिलाओं की कम संख्या को देखकर कहा- आज बहनें कम दिख रहीं हैं, ऐसा तो नहीं सरपंच पति आ गए हों। मैंने सोचा कि आपके साथ भोपाल में एक बार अपनी चर्चा हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम बाद में नहीं मिलेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो हम बार-बार चर्चा करेंगे। मैं और आप एक बराबर हैं। आप ग्राम पंचायत के सरपंच हैं, मैं बड़ी पंचायत का सरपंच हूं। लोकतंत्र में जिसकी जितनी बड़ी पंचायत, वो उतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालता है। सीएम ने कहा लोकतंत्र में चुनी हुई व्यवस्था सबसे ऊपर होती है। उन्होंने एसीएस सहित सभी अधिकारियों से साफ कहा कि काम होगा तो जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की मर्जी के अनुसार होगा। पांच साल का सरपंचों का कार्यकाल यशस्वी हो। वे जनता के सपने पूरे कर पाएं इसलिए पंचायती राज में जो अधिकार आपके हाथ में दिए गए हैं, उन्हें किसी और के हाथ में नहीं जाने दिया जाएगा। चुने हुए प्रतिनिधियों और उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को निर्देश दे रहा हूं तालमेल बनाकर काम करें।
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