इंदौर पुलिस ने उज्जैन के एक परिवार को उनकी बेटी लौटा दी। 20 साल की म्यूजिक स्टूडेंट सवा महीने बाद अपने माता-पिता के पास लौट आई। पुलिस ने उसे महज एक गाना सुनाने के लिए कहा था। गाना गाते ही उसे अचानक परिवार की अहमीयत समझ आई। उसने अकेले पहने की जिद छोड़ी और हंसी-खुशी घर आने के लिए तैयार हो गई। 20 साल की युवती इंदौर में म्यूजिक सीख रही है। 28 अक्टूबर को अचानक लापता हो गई। उसने इंदौर के नृसिंह बाजार में ही रहने वाली दीदी के घर अपना मोबाइल और पूरा जरूरी सामान छोड़ दिया। तीन पेज का लेटर छोड़कर चली गई। परिवार ने अपने स्तर पर खोजने के बाद पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने उसकी तलाश में जुटी थी। सवा महीने बाद अचानक युवती वकील को लेकर थाने पहुंच गई। यहां उसने कहा- मैं पेरेंट्स के साथ नहीं रहना चाहती। नो-फैमिली, नो-फ्रेंड्स सिर्फ मैं। अकेले रहकर मैं अपने करियर पर ध्यान दूंगी। साथ में जॉब भी करुंगी। म्यूजिक में अपना करियर बनाऊंगी। किसी ने कुछ नहीं किया है, लेकिन मैं खुद से परेशान हूं। काफी समझाइश के बाद भी वह नहीं मानी।
पंढरीनाथ थाना प्रभारी ने बताया, युवती परिवार के साथ जाने के लिए तैयार ही नहीं थी। फिर मैंने कहा कि तुम संगीत का कुछ यहां पर सुनाओगी तो हमें अच्छा लगेगा। इस पर उसने पूछा- कौन सा गाना सुनाऊं। मैंने कहा- हम साथ-साथ है, मूवी का एक गाना है ये तो सच है कि भगवान है, सुनाओ। उसने जब ये गाना गाया तो वह गाते-गाते इमोशनल हो गई, उसका गला भर गया। उसके माता-पिता भी इमोशनल हो गए। इसके बाद वह माता-पिता के साथ जाने को तैयार हो गई।
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