यहां लगती है सांपों की अदालत,सांपों से फिर से ना काटने का लिया जाता है वचन ! || SAGAR TV NEWS ||
क्या आपने कभी सांपों की अदालत के बारे में सुना है। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं जहां ऐसा ही कुछ होता है। एमपी के सीहोर जिले के लसूड़िया परिहार गांव में दीपावली के दूसरे दिन यानी पड़वा को एक अनूठी सांपों की अदालत लगती है। जहाँ सर्पदंश पीड़ित महिला-पुरूष के शरीर में सांपों का प्रवेश होता है। वकायदा उनकी पेशी होती है फिर इन सांपों से फिर ना काटने का वचन भी लिया जाता है। तब कहीं सांपों को मुक्ति मिलती है। इस अनूठी अदालत में जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश भर से सर्पदंश पीड़ित लोग शामिल होते हैं। भले ही आपको यकीन न हो लेकिन सीहोर के लसूड़िया परिहार गांव में स्थित हनुमान जी की मढ़िया में सांपों की अदालत लगती है। ग्रामीणों की माने तो प्राचीनकाल से ही इस जगह पर मंगल बाबा नाम के संत यह पेशी लगाते आए हैं। उन्होने ही यह विद्या ग्रामीणों को सिखाई। साल में एक बार लगने वाली इस सांपों की अदालत में सर्पदंश पीड़ितों का निः शुल्क इलाज किया जाता है। कहा जाता है की इनका मंत्रोच्चार के इलाज के बाद एक धागा जिससे बंधेज यानी बांधा जाता है। दिवाली की पढ़वा पर बंधेजधारी महिला-पुरूष को सांपों की इस अनूठी पेशी में आना पड़ता है। यहां पण्डे कांसे की कसेड़ी पर रखी कांसे की ही उल्टी थाली को विशेष प्रकार के मंत्रोच्चार के साथ बजाते हैं। जिससे सांप काटे महिला-पुरूष के शरीर में सिहरन होने लगती है। और सर्पदंश धारी के शरीर में सांप की आत्मा का प्रवेश होने लगता है। इसके बाद उससे सवाल जवाब होते हैं। और सांपों से फिर न काटने का वचन लिया जाता है। खैर कुछ भी हो लेकिन सागर टीवी न्यूज़ किसी भी तरह के अन्धविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है।--------