भाई बहिन के स्नेह का पर्व भाई दोज बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस भाई डोज एक भाई बहिन की सच्ची घटना बताने जा रहे। जब बहिन को स्कूल में केम्प की बजह से भाई दोज पर घर जाने की अनुमति नही मिली, तो कत्थक पेपर का परीक्षा फॉर्म भरने का बहाना लेकर दो घन्टे की अनुमति लेकर यह अपने भाई के पास पहुंच गई, और भाई को टीका लगाकर भाई दोज मनाया।
बता दे कि हर वर्ष भाई दूज का त्यौहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया को मनाया जाता है इसी तारतम्य में भाई दोज पर भाई बहन के पवित्र रिश्ते का निर्वहन बहन अपने भाई को टीका लगाकर करती है और बदले में भाई की लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करती है मान्यता है कि इसी दिन यमदेव अपनी बहन यमुना के बुलावे पर उनके घर भोजन करने आए थे और बहन ने टीका लगाकर भाई को आशीर्वाद प्रदान किया था वैसे तो भाई दूज मनाने की कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं सागर में रहने वाली 14 वर्षीय छात्रा सानवी शर्मा ने भाई दूज का पर्व को यादगार बनाने वाला एक किस्सा हमसे शेयर किया है शनवी के अनुसार दीपावली के 1 दिन पहले उसका और उसके छोटे भाई का स्काउट कैंप अलग-अलग स्कूलों में 5 दिन के लिए दो वर्ष पूर्व आयोजित किया गया था और उन्हें दूज पर स्कूल से घर जाने की परमिशन भी नहीं मिली थी तब थानवी ने भाई को टीका लगाने के लिए स्कूल में झूठ बोलकर कत्थक क्लास के पेपर का फॉर्म भरने की बात कह कर 2 घंटे के लिए कैंप से परमिशन ली और अपने भाई के कैंप में पहुंचकर उसे रोली टीका जो वह साथ मे रखी थी,लगाकर भाई दूज का त्यौहार मनाया स्वरित ने बताया कि उन लोगों ने कभी रक्षाबंधन और भाई दोज का त्योहार एक दूसरे के बिना कभी नहीं मनाया
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