सागर- मराठा कालीन मंदिर में विराजी महालक्ष्मी, लोग धन और समृद्धि की मन्नतें लेकर आते
हिन्दू धर्म ग्रंथों में धन और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी को माना गया है। दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग घरों के अलावा मंदिरों में भी जाकर महालक्ष्मी की पूजा करते हैं। सागर के परकोटा पर भी मराठा कालीन प्राचीन मंदिर है जहां देवी महालक्ष्मी के दर्शन करवा रहे है। यहां आने वाले लोग धन और समृद्धि की मन्नतें लेकर आते हैं। परकोटा पर किले के पास स्थित मंदिर को दनादन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में जग्गनाथ स्वामी सुभद्रा - बलभद्र के साथ लक्ष्मी माता की सफेद संगमरमर से बनी सुंदर प्रतिमा स्थापित है लक्ष्मी प्रतिमा के दोनों तरफ सुंदर हाथी बने हुए है इसमें देवी महा लक्ष्मी के अलावा भगवान राम लक्ष्मण भरत शत्रुघन, माता सीता एक साथ विराजित है। इस मंदिर में विराजित माता लक्ष्मी की प्रतिमा अत्यंत मनोहारी है जो भक्तो का कल्याण करने वाली है दीपावली के दिन सागर मैं निवास करने वाले महारास्टीयन परिवारो के अलावा अन्य शहरवासी में भी माता के दर्शनों और पूजा करने पहुंचते है। प्राचीन मंदिर के बारे में ऐसा बताया जा है कि सागर के ऐतिहासिक किले से सटे इस मंदिर में मराठा स्थापत्य कला को देखा जा सकता है