हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। पितृपक्ष का आरंभ शनिवार को हो गया है। पितृपक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। खुरई में पंडितों के सानिध्य में बड़े तालाब में तर्पण का कार्य किया गया। पहले दिन ही बड़ी संख्या में लोग नदी व तालाब पर पहुंचे व तर्पण का कार्य संपन्न किया। खुरई के बड़े तालाब स्थित मंदिर घाट पर सुबह से ही लोग तर्पण करने के लिए पहुंचे। पंडित शरद रिछारिया ने बताया कि पितृपक्ष में हर दिन पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए। तर्पण के लिए आपको कुश,अक्षत,जो और काला तिल का उपयोग करना चाहिए। तर्पण करने के बाद पितरों से प्रार्थना करें और गलतियों के लिए क्षमा मांगे। विधि विधान के साथ तर्पण का कार्य कराया गया। इसके अलावा बीना नदी और नरेन नदी में भी लोगों ने तर्पण किया।