सागर में भगवान गणेश जी की अद्भुत प्रतिमा बताई जाती है महाभारत काल की
प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश के देश भर में कई मंदिर और अद्भुत प्रतिमाएं हैं। लेकिन आपको भगवान गणेश की एक ऐसी अद्वितीय प्रतिमा के दर्शन कराते हैं। जिनके दरबार में कभी हीरे जवाहरात के बाजार लगा करते थे। सागर के राहतगढ़ में भगवान गजानन की ये प्रतिमा वाकई अद्भुत है। सागर भोपाल रोड पर राहतगढ़ से 7 किलोमीटर दूर हरे-भरे जंगलों के बीच बीना नदी किनारे कभी एक नगर बसता था। जिसे पाटन नगर कहा जाता था। इसके बीच एक विशाल गणपति मंदिर था जो अब सिर्फ एक छोटे से मंदिर में सिमट कर रह गया है। कहा जाता है की इस नवनिर्मित मंदिर में विराजमान शिवलिंग और भगवान गणेश की प्रतिमा महाभारत कालीन है। कभी नदी के किनारे बसा पाटन नगर का हिस्सा था। और इस मंदिर के प्रांगण में हीरे जवाहरात के बाजार लगते थे। जहां दूर-दूर से राजे रजवाड़े और अन्य लोग हाथी घोड़ों से खरीदारी करने आते थे। लेकिन किसी कारण यह नगर उजाड़ गया। अब यहां मंदिर के कुछ अवशेष और भगवान गणेश की प्रतिमा शिवलिंग ही रह गया है। कुछ समय पहले युवा संगठन द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार कर भव्य स्वरूप दिया गया। भगवान गणेश की प्रतिमा करीब 8 से 10 फुट ऊंची। जिनके दाएं और बाएं रिद्धि सिद्धि की प्रतिमाएं भी विराजमान हैं। गणेश जी के आगे एक विशाल शिवलिंग है। लिंग के ऊपर भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा बनी है। इसको लेकर करीब 100 साल उम्र के पन्ना लाल यादव और अन्य ने जानकारी दी।