सागर जिले के राहतगढ़ ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत मरदानपुर में प्राइमरी स्कूल के हालात बद से बदतर हैं। तस्वीरों में ही सब समझ में आ जायेगा। देखने में लगा की बच्चे मजबूरी में यहां पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि सरकार बेहतर शिक्षा मुहैया कराने लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करती है। लेकिन फिर भी इस तरह की अव्यवस्थाएं देखने मिलती हैं। स्कूल में बच्चों की संख्या 63 दर्ज है। 3 का स्टाफ है। जो कम ही समय पर आता है। ऐसा आरोप है की स्कूल का समय 10:30 बजे से लगने का है लेकिन प्राचार्य भागीरथ अहिरवार और शिक्षिका अंजना चौरसिया, उर्मिला कटारे कभी समय पर नहीं पहुंचती। जब दोनों शिक्षिकाओं से पूछा तो उन्होंने खुद इस बात को स्वीकारा। देरी से कारण बताया की शुगर बढ़ गई थी।
वहीं दूसरी तरफ स्कूल की इमारत की हालत ऐसी है की बारिश में बच्चों को बैठने के लिए जगह नहीं है। बच्चे बाहर बरामदे में बैठकर पढ़ाई करते हैं। क्योंकि कुछ पक्के से हिस्से बारिश का पानी में रिसता है। कच्चे हिस्से की लकड़ी भी टूट चुकी है। कुल मिलकर हालत जर्जर है। शौचालय की व्यवस्था है और नहीं बराबर जैसी है। टॉयलेट में तो पेड़ पौधे भी उग चुके हैं। फिर भी बच्चों को मजबूरी में जाना पड़ता है। पानी की व्यवस्था ना होने से बच्चे अपने घर से ही बॉटल में पानी लेकर आते हैं।
मामले में प्राचार्य भागीरथ अहिरवार का कहना है कि स्कूल में कोई फंड नहीं है कहां से व्यवस्था कराऊँ।
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