बारिश में शमसान में बनाया लकड़ी का टीनशेड फिर बुजुर्ग का हो सका अंतिम संस्कार || SAGAR TV NEWS ||
प्रदेष सरकार की मंषा है, कि ग्रामीण इलाकों में बेहतर सुविधाएं हो और लोगों को परेषान न होना पडे, लेकिन इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों के हालात नहीं सुधर रहे है। ऐसा ही एक मामला प्रदेष की राजधानी भोपाल से सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को खासा परेषान होना पडा। जानकारी मुताबिक बैरसिया ब्लाक के कोटरा चौपरा ग्राम पंचायत के पोलासगंज गांव में रहने वाले बुजुर्ग नन्नू लाल कुषवाहा का निधन हो गया था, लेकिन इसके अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को काफी मषक्कत करनी पडी। बताया गया कि अर्थी को ष्मषान घाट तक ले जाने के लिए लोगां को कीचड भरे रास्ते से होकर जाना पडा। जिससे लोगों को काफी परेषान झेलनी पडी। लेकिन इसके बाद भी उनकी मुसीबत कम नहीं हुई। जैसे तैसे करके वे ष्मषान घाट पहुंचे तो वहां भी टीनषेड की कोई व्यवस्था नहीं थी। लोगों को लकडी की बल्लियां गाडकर झोपडीनुमा टीनषेड बनाना पडा तब कही जाकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया जा सका। क्योंकि, उस वक्त गांव में बारिष हो रही थी। बुजुर्ग के परिजन मनोज कुषवाहा ने बताया कि जितनी परेषानी हमको झेलनी पडी, उतनी परेषानी किसी को नहीं झेलनी पडे। सरकार को गांव में ष्मषान घाट का निर्माण कराया जाना चाहिए। वही, इस मामले में प्रदेष कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता षर्मा ने प्रदेष सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाए और टवीट करते हुए लिखा कि मामा के राज में लोगों को अंतिम संस्कार करना भी मुष्किल हो रहा है। लोगों को खुद ही टीनषेड बनाकर अंतिम संस्कार करना पड रहा है।