नेशनल हेराल्ड केस, प्रतिशोध की भावना से काम कर रही मोदी सरकार- सुरेंद्र चोबे
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अब आक्रामक मुद्रा में आ गई है। कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व को टारगेट किये जाने का आरोप लगाते हुए इस केस का पूरा ब्यौरा जनता के बीच रखना शुरू कर दिया है।ईडी) द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया जाना दुर्भावना से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि इस केस को 2015 में ही ईडी ने तथ्यहीन होने पर बंद कर दिया। आज तक कोई FIR तक नहीं की गई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी प्रशिक्षण समन्वयक सुरेंद्र चौबे ने कहा है कि वर्तमान में केन्द्र में स्थित सरकार से जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी तथा राहुल गांधी जी को ईडी के द्वारा समन भेजा गया है वह अत्यंत निदनीय है। आज पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी पत्रकारोंके समक्ष अपनी बात रह रख रही है। इसी कड़ी में उन्होंने बताया कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस पार्टी का पक्ष यह है कि 2014-15 के केस में 7 साल बाद यह समन जारी करना केन्द्र के मोदी सरकार की बदले की भावना को दर्शाता है।केस क्या है केस है मनी लार्डिंग का, न पैसा न सम्पत्ति ट्रांसफर ही नहीं हुई तो मनी लार्डिंग का केस कैसे? ए०जे०एल० नेशनल हेराल्ड अखबार को छापने वाली कंपनी है। नेशनल हेराल्ड ने ब्रिटिश साम्राज्य की बुलंद खिलाफत की, ऐ०जे०एल० पर 90करोड़ का कर्ज हो गया था। नेशनल हेराल्ड को ब्रिटिश हुकूमत ने बेन कर दिया था, 90 करोड़ का कर्ज था। इसलिए अखबार को चलाने में दिक्कत हो रही थी। इसीलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ए0जे0एल0 की 90 करोड़ की आर्थिक मदद की मदद इसलिए की गई देश को एक जुट रहने की विचारधारा चलती रही, अखबार जीवित रहे