पढ़ा लिखा सरपंच चाहिए इसलिए करवा दिया निर्विरोध, पूरी पंचायत हुई निर्विरोध
पंचायत चुनाव के दौरान एक गांव के ग्रामीणों ने चुनाव में होने वाले मतभेद से बचने और शिक्षित जन प्रतिनिधि के लिए आम सहमति बनाकर सरपंच से लेकर सभी पंचों को निर्विरोध चुना है। हम बात कर रहे हैं एमपी के बैतूल जिले की, इस ग्राम पंचायत के ग्रामीणों के इस निर्णय की सभी जगह सराहना हो रही है। बैतूल जिले के चिचोली जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में चुनाव नहीं होंगे। यहां के ग्रामीणों ने आम सहमति बनाकर सरपंच और 20 पंचों को निर्विरोध चुन लिया है। इस ग्राम पंचायत से सभी 20 पंच और सरपंच ने एक एक नामांकन दाखिल किया। जिनकी जांच के बाद उन्हें वैध पाया गया। सिंगल नामांकन होने से अब यहां चुनाव की स्थिति नहीं बनेगी। दरअसल देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में 6 गांव शामिल है। यहां की जनसंख्या करीब 4000 है। यहां हर बार ग्राम पंचायत में सरपंच और पंच के चुनाव होते थे। चुनाव में आपस में मतभेद लड़ाई और बुराई होती है इसलिए ये निर्णय लिया। साथ ही चुनाव में जीतने वाला जनप्रतिनिधि जरूरी नहीं है कि पढ़ा लिखा हो।सरपंच और पंच पढ़े लिखे हो इसको लेकर गांव में बैठक बुलाई गई जिसमें निर्णय हुआ कि जो पढ़े लिखे लोग हैं और अच्छे लोग हैं उन्हें सरपंच और पंच के रूप में चुना जाए। सहमति के बाद यहां सरपंच और पंच का चयन निर्विरोध हो गया। 42 साल के अमर दास जीवनी पढ़े लिखे हैं। उन्होंने अकाउंट से एमकाम किया है। उन्हें नौकरी नहीं मिली अब ग्रामीणों ने सरपंच की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। अब उन्होंने देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाने संकल्प लिया है। वहीं पंच में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल है वार्ड नंबर 6 से जो कि आदिवासी महिला के लिए आरक्षित है। वहां से 12वीं तक पढ़ी ज्योति इवने को पंच के रूप में चुना गया है। सीएम की घोषणा के मुताबिक अब ये ग्राम पंचायत भी पुरस्कृत होगी