साल में 80 लाख लोग कैन्सर या सांस की बीमारियों की वजह से चल बसते हैं
सालाना 80 लाख से भी ज्यादा लोग सीधे तौर पर कैन्सर या सांस की बीमारियों की वजह से जान गंवा बैठते हैं। लेकिन इसके साथ ही ऐसे कई लोग होते हैं। जो अप्रत्यक्ष तौर पे इस नशे की वजह से कई बीमारियाँ जैसे बीपी, मधुमेह की वजह से भी जान गंवा बैठते हैं। ये बात सागर बीएमसी में विभागाध्यक्ष और सह प्राध्यापक टीबी और चेस्ट विभाग डॉ. तल्हा साद ने जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही है। दरअसल तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर सागर कोर्ट परिसर में विधिक सहायता सम्मेलन कक्ष में इससे सम्बंधित संगोष्ठी आयोजित की गयी थी। जिसमें उन्होंने ये बात कही, डॉ. तल्हा साद ने सेकंड हैंड धूम्रपान का भी वर्णन किया। जिसमें परिवार या किसी करीबी मित्र के धूम्रपान की वजह से दूसरे लोगों में भी धूम्रपान खुद करने के बराबर बीमारी हो जाने की ख़तरा भी बताया। ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बीमारी की चपेट में आने से पहले ही इस नशे की प्रवर्ती से दूर होने के लिए प्रेरित किया साथ ही इसे हमेशा के लिए त्यागने के लिए प्रतिज्ञा दिलाई। बता दें की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, बार एसोसिएशन ऑफ सागर, लीगल एड सेल, सामाजिक न्याय विभाग ,इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ चेस्ट फिजिशियन ऑफ सागर और बीएमसी द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें डॉ. तल्हा साद, डॉ. नीना गिड्डयन, डॉ राजेंद्र चौदह, मनीष भट्ट, मनीषा चतुर्वेदी, अन्नी दुबे समेत अन्य कई डॉक्टर और अधिवक्ता मौजूद थे