सागर-पति पसंद नहीं आया तो अलग रह रही पत्नी को कोर्ट ने ये फैसला सुनाया
पति से बेवजह अलग रहने वाली पत्नी को भरण-पोषण भत्ता नहीं दिया जा सकता यह फैसला सागर जिला कुटुंब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश आशिता श्रीवास्तव ने एक मामले में सुनाया है इस केस में युवक के वकील रहे पवन ओरिया ने बताया कि थाना कैंट के बरारू गांव निवासी एक युवक की पत्नी ने कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण के लिए 15 हजार रुपए महीना देने की मांग करते हुए केस दायर किया था उसका कहना था कि मेरा विवाह वर्ष 2016 में हुआ था मैं अपने पति के साथ नहीं रहती हूं मुझे धारा 125 के तहत पति से भरण-पोषण भत्ता दिलाया जाए इधर मेरी पक्ष कार का कहना था कि मेरी पत्नी विवाह के बाद से ही मेरे साथ रहने के लिए तैयार नहीं है
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुना पत्नी का कहना था कि मेरी शादी मेरी पसंद के अनुसार नहीं हुई है मुझे मेरा पति पसंद नहीं है इसलिए मैं उसके साथ नहीं रहना चाहती इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया कि आबिदी का यह साबित करने में सफल रही थी वह अपना भरण-पोषण नहीं कर सकती है और पति इतना सक्षम नहीं है भाई उसका भरण पोषण कर सकता है लेकिन वह पति से अलग रहने का कोई ठोस कारण नहीं बता पाई इस स्थिति में बगैर पर्याप्त कारण के अलग रहने के लिए आवेदिका युवक से कोई भरण-पोषण राशि प्राप्त करने की अधिकारी नहीं है