शराबबंदी के मुद्दे पर उमा-शिवराज आमने सामने,उमा के कटाक्ष तो शिवराज का कदम बना मास्टरस्ट्रोक | MP |

 

 

शराबबंदी के मुद्दे पर उमा-शिवराज आमने सामने,उमा के कटाक्ष तो शिवराज का कदम बना मास्टरस्ट्रोक

मध्यप्रदेश में शराबबंदी का मुद्दा गरमाया हुआ है, शराबबंदी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती आमने-सामने दिखाई दे रहे है। सोशल मीडिया पर उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सीधे निशाने पर लेते हुए कटाक्ष किए वही शिवराज सिंह ने एक कार्यक्रम में मंच से साफ कहा कि प्रदेश में शराबबंदी नहीं होगी। लेकिन इसी बीच मामला गरमाता देख सीएम शिवराज ने नशामुक्त समाज अभियान का ऐलान किया और इस मुद्दे पर उन्हें उमा भारती का भी साथ मिल गया। आइये दोनों के बीच चल रही रसाकसी के क्या मायने है इसे समझने की कोशिश करते है।

बीजेपी की फायर ब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के चेहरे पर साल 2003 विधानसभा चुनाव लड़ी बीजेपी मध्यप्रदेश में सत्ता में आई लेकिन फिर एक वक़्त ऐसा आया जब उमा भारती को न सिर्फ मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था बल्कि एमपी से भी दूर होना पड़ा लेकिन अब उमा भारती ने एक बार फिर एमपी में अपनी सक्रियता बड़ा दी है शराबबंदी के जरिए वो न सिर्फ शिवराज सरकार पर दबाब बना रही है बल्कि खुद सीएम शिवराज पर भी अब वो खुल कर निशाना साधने से पीछे नहीं हट रही। बीते दिनों दोनों के बीच हुए घटना क्रम के बाद अंदर चल रही रसाकसी बाहर आ गयी। उमा भारती ने सोमवार को एक के बाद एक 11 ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सीधे निशाने पर लेते हुए कटाक्ष किए। मुख्यमंत्री ने दोपहर बाद नर्मदापुरम जिले के माखननगर में हुए एक कार्यक्रम में मंच से साफ कहा कि प्रदेश में शराबबंदी नहीं होगी। पीने वाले तो जुगाड़ लगा ही लेते हैं। नशा नाश की जड़ है। हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो धीरे-धीरे गांव, शहर और पूरा प्रदेश नशामुक्त हो जाएगा। सरकार प्रदेश में नशामुक्ति अभियान चलाएगी। इस बयान के बाद उमा ने सोशल मीडिया पर तंज कसा कि ‘मैंने शिवराज जी से 2 साल हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है। अब बात बाहर आ गई है तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया है और मीडिया के माध्यम से बात क्यों करने लगे हैं।’

उमा भारती और शिवराज सिंह चौहान के बीच शराबबंदी को लेकर सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी तेज हो गयी है। सीएम शिवराज ने जहाँ बयान दिया की शराब से परिवार तबाह होता है। दुकान बंद करने से यह खत्म नहीं होगी। इसेे मन से खत्म करने की जरूरत है। गांव के लोगों से निवेदन करेंगे कि वे शराब का सेवन न करें। वही उमा भारती ने लिखा की शिवराज ने कहा है कि लोग पीना बंद कर दें तो मैं शराब की दुकानें बंद कर दूंगा। लोग पिएंगे ही नहीं, दुकानें चलेंगी ही नहीं तो वह तो खुद ही बंद हो जाएंगी।

वही उससे पहले उज्जैन में 2 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उमा भारती का नाम लिए बगैर कहा था कि मेरा बस चले और यह विश्वास हो जाए कि केवल दारू बंद करने से बंद हो जाएगी तो मैं एक दिन भी नहीं लगाता। लेकिन, ऐसा होता नहीं है। इसीलिए पहले नशा-मुक्त समाज बनाएंगे। लोग नशा छोड़ेंगे तो अपने आप दुकानें बंद हो जाएंगी। आप चिंता मत करो...। इसी बीच उमा भारती सोशल मीडिया पर जमकर एक्टिव है उन्होंने कहा- ‘यह सरकार की नीति है कि स्कूल, कॉलेज, मंदिर एवं जहां नागरिकों और महिलाओं को आपत्ति हो, वहां शराब की दुकान न हो। ऐसी जगहों पर खुले अहाते में शराब पिलाना जैसी बातों पर जहां आपत्ति है, उसमें भी सरकार अपनी नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित करे। जिससे देवरी जैसे विरोध प्रदर्शन के लिए बेटियां और शांतिप्रिय नागरिक विवश न हों।

शराबबंदी पर अलग लाइन पर चल रहे उमा और शिवराज अब साथ साथ दिखाई दे रहे है। लंबे समय से एमपी में शराबबंदी के लिए लगी उमा भारती ने एक सप्ताह के भीतर अपने अभियान को छोड़कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नशामुक्त समाज अभियान को अपना लिया है। आइये इसको समझते है।

अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब बंदी अभियान पर लगातार दबाव बनाए हुए थीं। वहीं इस बात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुछ दिनों से नाराज भी चल रहे थे। हालांकि वे उमा भारती का नाम लेने से बच रहे थे। इसी बीच सीएम शिवराज सिंह ने नशामुक्त समाज अभियान का ऐलान किया और नशामुक्त समाज अभियान के ऐलान के साथ ही उमा के सुर बदल गए। मामला ठंडा हुआ तो उमा भारती ने एक और ट्वीट किया उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नशामुक्ति अभियान चलाने की घोषणा पर खुशी जाहिर की। इसका समर्थन करते हुए भारती ने कहा कि वे इसमें समय-समय पर भागीदारी करेंगी। सरकार की शराब नीति में स्कूल, कॉलेज, मंदिर और जिन स्थानों पर नागरिकों व महिलाओं को आपत्ति वाले स्थानों पर शराब दुकान नहीं खुलने की व्यवस्था है। इसी तरह ऐसी जगहों पर खुले अहाते में शराब पिलाने जैसी बातों पर जहां आपत्ति होगी, यह भी नीति का हिस्सा है तो सरकार अपनी नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।

उमा भारती मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मांग पुरजोर तरीके से उठा रही थीं। इस दौरान गाहे-ब-गाहे शिवराज के साथ उनके मतभेद की बातें भी सामने आ रही थीं। लेकिन सत्ता के माहिर खिलाडी सीएम शिवराज चौहान ने एक बार फिर बाज़ी अपने पक्ष में कर ली कम से कम आज के हालातो को देख कर तो ऐसा ही लग रहा है खैर अब देखना होगा की आने वाले दिनों में उमा भारती शिवराज सिंह के साथ इस अभियान में दिखाई देती है या फिर दोबारा अपनी मांग पर कायम होती है


By - SARJU PATEL , STVN INDIA - SAGAR TV NEWS
06-Apr-2022

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