महिला सशक्तिकरण की मिसाल एक दिन की कलेक्टर बनी दिव्यांग लड़की
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एमपी के कटनी में एक दिव्यांग लड़की को एक दिन का कलेक्टर बनाया गया। एक दिन की सांकेतिक कलेक्टर बनी नेत्र दिव्यांग बालिका महिला सशक्तिकरण की मिसाल है। नेत्रहीन बालिका सुदामा चक्रवर्ती राष्ट्रीय स्तर की नेत्र दिव्यांग जूडो खिलाड़ी हैं। जिले के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने सुदामा चक्रवर्ती को महिला दिवस पर सांकेतिक कलेक्टर के रूप मे प्रभार सौंपा। कलेक्टर बनी सुदामा कई सरकारी कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि रहीं। इस दौरान उन्होंने सरकारी विभागों का भी निरीक्षण किया। सुदामा चक्रवर्ती कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के दशरमन की रहने वाली है। वो राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में मैडल जीत चुकी है। बीए दूसरे साल की छात्रा सुदामा चक्रवर्ती बताती हैं कि तीन भाई और दो बहनों में वे सबसे छोटी हैं। पिता छोटेलाल ने मजदूरी कर पालन पोषण किया। मां सुम्मी बाई घर का काम करती है। पहली कक्षा में जब भाई के साथ प्रवेश लेने गई तो शिक्षक ने यह कहकर लौटा दिया कि देख नहीं पाती तो पढ़ेगी कैसे। फिर भी उसने पढ़ने की जिद नहीं छोड़ी अगले साल स्कूल में दाखिला लिया। सुदामा सरकारी हायर सेकंडरी महात्मा गांधी स्कूल से कक्षा 12 वीं पास कर वर्तमान में श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय सिहोरा में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं उसने जूड़ो का प्रशिक्षण तरुण संस्कार संस्था से प्राप्त किया है। वो अपनी स्नातक की पढ़ाई के साथ जूड़ो का निरंतर अभ्यास पड़वार स्टेडियम स्लीमनाबाद स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में कर रही हैं।