आयुर्वेद छात्रों ने मांगों को पूरा करने अपनी डिग्रियों को जलाकर किया प्रदर्शन
लगातार 10 दिनों से धरने पर बैठे आयुर्वेद छात्रों ने अपनी डिग्रियों को जला दिया। दरअसल एमपी के रीवा में स्टाइपेंड समेत अपनी चार अन्य मांगों को लेकर बीते 10 दिनों से आयुर्वेद कॉलेज के छात्र धरने पर बैठे थे जिन्होंने अपनी डिग्रियों को जलाया। जिसमें छात्रों ने सरकार से गुजारिश करते हुए अपनी मांगों को पूरा करने की बात रखी है। बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में 10 दिनों से आयुर्वेद के छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी है। ऐसे में दसवें दिन रीवा के करीब 200 छात्रों ने अपनी मांगो को पूरा करने को लेकर अपनी डिग्रियां जलाई हैं। छात्रों की मांग है कि आयुष चिकित्सकों को आपातकालीन समय में एलोपैथी पद्धति से जोड़ा जाए। इसके अलावा आयुर्वेद छात्रों के स्टाइपेंड में वृद्धि की जाए। वही आयुर्वेद छात्र ने आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर से आयुष शाखा को अलग करने की मांग भी की है। इसके साथ ही आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के लिए हर साल नवीन पदों को सृजित करने की मांग भी छात्रों ने की है। बताया गया की समय-समय पर आयुर्वेद छात्रों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाता रहा है। लेकिन हर बार सरकार उन्हें आश्वासन देकर मना लेती थी। जिसके चलते एक बार फिर बीते 10 दिनों से आयुर्वेद छात्रों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। बावजूद इसके शासन प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया।