शिक्षक की लगन से बदल गई सरकारी स्कूल की तस्वीर प्राइवेट स्कूल से भी कही ज्यादा अच्छा | SAGAR TV NEWS
आमतौर पर शासकीय विद्यालय का नाम सुनते ही हमारे ज़हन में पुरानी सी बिल्डिंग,गंदगी आलसी शिक्षक और यहां-वहां गंदी ड्रेस के घूमते बच्चे आ जाते है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे है जो किसी प्राइवेट स्कूल से भी सुविधा युक्त है।जहां पीने का साफ पानी है शौचालय ऐसे की जैसे किसी होटल में हो इसके साथ एक पोषण बगिया जिसे देख आपका भी मन प्रशन्न हो जाएगा। इतना ही नही इस विद्यालय के बच्चे हस्तलिपि से लेकर समझ तक अन्य विद्यालयो की तुलना के बेहतर है। देखे कैसे एक शिक्षक ने अपनी मेहनत और लगन से बदल दी स्कूल और बच्चो की तस्वीर इस रिपोर्ट में
तस्वीरों में दिख रहा ये कोई निजी विद्यालय नही बल्कि पन्ना जिले से 14 किलोमीटर दूर बसा शासकीय माध्यमिक शाला रानीपुर है। जिसकी अब तस्वीर ही बदल गई है। जी हाँ स्कूल में पदस्थ शिक्षक रामलाल त्रिपाठी ने अपनी मेहनत और लगन से बिखरे हुए स्कूल को पूरे तरह से संवार दिया है। बतादें की आज से कुछ साल पहले इस विद्यालय का हाल भी अन्य विद्यालयो की तरह ही था लेकिन फिर यहाँ शिक्षक रामलाल त्रिपाठी की पदस्थापना हुई स्कूल का हाल देख शिक्षक ने धीरे-धीरे स्कूल को निखारना शुरू कर दिया। शिक्षक ने कक्षाओं के अंदर सबसे पहले तो पक्का फर्स बनवाया इसके बाद पीने के साफ पानी की व्यवस्था की जहां पर यह पीने और हाथ धोने के पानी की व्यवस्था की गई है वहां पर घर की तरह ही टाइल्स लगवाए गए हैं इतना ही नहीं शौचालय में भी होटलों की तरह टाइल्स लगवाए और छात्रों के प्रत्येक वाशरूम में नल की टोंटी भी लगवाई गई। शिक्षक रामलाल त्रिपाठी ने खुद लगभग 2 लाख रुपये इस पूरे कायाकल्प में लगा दिए इसके बाद उन्होंने सरपंच से भी मदद ली विभाग ने भी उनके इस कार्य में सहयोग प्रदान किया और धीरे-धीरे एक गरिमामय शिक्षण संस्थान शिक्षक की लगन से खड़ा हो गया। शिक्षक की मानें तो विद्यालय के बच्चे हस्तलिपि से लेकर समझ तक अन्य स्कूलों से काफी बेहतर हैं। कोंदर समुदाय बाहुल्य गांव का समुदाय भी बहुत सजग और सक्रिय है जो इन शिक्षक का बहुत सहयोग करता है इसके साथ ही स्कूल में एक पोषण बाड़ी भी बनाई गई है जिसकी देखरेख खुद शिक्षक और समूह की महिलाएं करती हैं आमतौर पर ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब कोई शिक्षक विद्या के मंदिर को इतनी लगन से सच में मंदिर बनादे। लेकिन कहावत है कि अगर इंसान किसी चीज को ठान ले तो उसे पूरा कर ही लेता है कुछ ऐसा ही शिक्षक रामलाल त्रिपाठी ने भी कर दिखाया।