MP में नई शराब नीति का विरोध दुकान बंद कर सड़कों पर उतरे ठेकेदार
राजधानी भोपाल में बीते दिन गुरुवार को बिना किसी जानकारी के शराब दुकानों में शराब की बिक्री बंद हो गयी। जिससे कई लोग परेशान होते दिखे वहीँ आबकारी विभाग के अधिकारियों ने इसे इंस्पेक्शन करने रूटीन प्रक्रिया बताया। वहीँ अब भोपाल में शराब ठेकेदार हड़ताल पर उतार आए। दरअसल एमपी में सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर ठेकेदार खफा नज़र आ रहे हैं। जिसका असर शुक्रवार से शराब दुकानों पर दिखाई दिया। अधिकांश इलाकों में शराब ठेकेदारों ने अपनी दुकानों के शटर गिराकर हड़ताल कर दी। मामले में कुछ ठेकेदारों ने आबकारी मंत्री से मुलाकात कर बात करने की कोशिश की थी, लेकिन बता नहीं बन पाई। नयी नीति के हिसाब से देशी-अंग्रेजी शराब दुकानें एक ही जगह खोलने, मार्जिंग कम होने और माल उठाने की पाबंदियों तय करना प्रमुख है। वहीं, रूटीन चेकिंग के बहाने अफसर दुकानें सील कर रहे हैं। आबकारी विभाग के अफसर गुरुवार रात राजधानी में शराब दुकानों की चेकिंग करने में भी पहुंच थे। इस दौरान चेकिंग के बहाने कुछ दुकानों को सील करने की बात भी सामने आ रही है। जिसको लेकर शुक्रवार को कुछ ठेकेदार सड़क पर उतर गए। जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा की चेकिंग के दौरान ठेकेदार शराब की बिक्री भी नहीं कर पाए हैं। इसके विरोध में दुकानें बंद की गई है। जिससे शासन को काफी राजस्व की हानि हो रही है। शराब ठेकेदारो की मानें तो 2021-22 में सिंगल ठेके की व्यवस्था थी। मतलब एक ही ठेकेदार जिलों की दुकानों का संचालन करते थे। साल 2022-23 के लिए तीन-तीन दुकानों के ग्रुप बना दिए गए हैं। इस वजह से ठेकेदार दुकानें लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। भोपाल में 90 में से केवल 32 दुकानें ही नीलाम हो सकी हैं।