कुण्डलपुर महामहाेत्सव - तैयारियों का सिलसिला जोरों पर 24 बनेंगे भगवान के माता-पिता
दमोह जिले के सिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर में 12 से 22 फरवरी तक होने वाले पंच कल्याणक महामहोत्सव की घोषणा होने के बाद तैयारियों का सिलसिला तेज हो गया है। 4 दिन शेष बचे हैं और ऐसे में वेदी बनाने के लिए बड़े स्तर पर मजदूर जुटे हैं। आमतौर पर महोत्सव 5 से 6 दिन का होता है, लेकिन यहां पर पहली बार महामहोत्सव 11 दिन का होने जा रहा है। इसमें बड़ी संख्या में दीक्षाएं भी होगीं और आचार्यश्री विद्यासागर महाराज अपने ससंघ के मुनिश्री काे आपस में बांटकर अलग-अलग ससंघ भी बना सकते हैं। उधर, 11 साल बाद मुनिश्री सुधासागर महाराज ने आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के पास पहुंचकर आशीष प्राप्त किया।उनकी आगवानी करने के लिए बड़ी संख्या में प्रवेश द्वार पर मुनिश्री और आर्यिका माताएं पहुंचीं। हजारों श्रद्धालुओं के बीच मुनिश्री ससंघ का मिलन हुआ उनका 11 साल बाद गुरु से मिलन हुआ। हजारों की संख्या में लोग इसके साक्षी बने। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में कुण्डलपुर में 250 से 300 पिच्छी विराजमान हैं। पहली बार ऐसा अवसर आ रहा है, जब पंचकल्याणक 5 दिन की जगह 11 दिन का होने जा रहा है। भैयाजी ने बताया कि पंच कल्याणक में दो दिन के गर्भकल्याण, एक दिन जन्म कल्याणक, तीन दिन का तप कल्याणक और तीन दिन ज्ञान कल्याणक के होते हैं। महामहोत्सव में इस बार 24 इंद्र-इंद्राणी, 24 कुबेर, 24 भगवान के माता-पिता, महायज्ञ नायक सहित अनेक पात्र बनेंगे। भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए इस महामहोत्सव में छोटी राशि वाले पात्रों को रखना मुश्किल होगा।