झाड़ियों में मिले तेंदुए के शावक की इलाज न मिलने से चली गयी जान
तेंदुए का एक शावक बेसुध हालत में झाड़ियों के पास पड़ा हुआ था। उसे इलाज के लिए भेजा गया था जहाँ उसकी मौत हो गयी है। मामला एमपी के बालाघाट जिले के लामता औधोगिक बांसागर से सामने आया। तेंदुआ 22 जनवरी की सुबह लामता बांसागार में मिला था। कान्हा रेस्क्यू टीम ने इलाज के दौरान बताया की शावक अपने माता से बिछड़कर सदमें में आ गया जिससे वह अचेता हो गया। वहीं दो दिन इलाज के दौरान अब उसकी मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि लामता औधोगिक बांसागर में मिले अचेत मादा शावक तेंदुआ को बेहतर इलाज के अभाव में सोमवार को दम तोड़ दिया। यह भी सामने आया है। कि 22 जनवरी को मादा शावक की कान्हा रेस्क्यू टीम के संदीप अग्रवाल द्वारा प्राथमिक इलाज कर वापस हो गए थे। उसके बाद मादा शावक तेंदुआ को किसी भी डॉक्टर से दोबारा इलाज नहीं कराया। इसके बाद उत्तर सामान्य वन परिक्षेत्र अधिकारी कृष्ण कुमार नामदेव द्वारा मादा शावक तेंदुआ का शव परीक्षण कराकर अंतिम संस्कार किया। तेंदुआ शावक की मौत करीब 15 दिन भूखे रहने से बताई जा रही है।