मंदसौर में सहस्रेश्वर शिवलिंग का वज्र लेप पूर्ण, कोलकाता से आए थे रसायनज्ञ
मंदसौर श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर परिसर में बन रहे श्री सहस्रेश्वर महादेव मंदिर का कार्य जल्द ही पूरा होगा। श्री सहस्रेश्वर शिवलिंग पर कोलकाता से आए रसायनज्ञों ने वज्र लेप किया है और दावा किया है कि वर्षों तक इससे मूर्ति का संरक्षण होगा। महेश चैतन्य जी महाराज ने सोमवार को श्री सहस्रेश्वर शिवलिंग का जलाभिषेक किया। सोमवार को ही कलेक्टर गौतमसिंह और विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में किए जा रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। मौके पर ही बताया कि मंदिर में अंदर का निर्माण कार्य 15 जनवरी तक पूर्ण हो जाएगा। और इसके बाद मंदिर के बाहर का काम शुरू होगा। पुरातत्वविद केसी पांडेय ने बताया कि शिवना नदी से यह दुर्लभ मूर्ति सालों पहले प्राप्त हुई थी। जानकारी के अनुसार वर्ष 1953 में वीएस वाकणकर ने यहां सर्वेक्षण किया था। प्राचीन बस्ती और नदी में से मूर्तियां निकली थीं। श्री पशुपतिनाथ महादेव की स्थापना तो हो गई लेकिन यह दुर्लभ सहस्रेश्वर शिवलिंग यहां खुले में ही रखा था। पं. मदनकुमार चौबे, मदनलाल जोशी ने उस समय एक पुस्तक लिखी थी, उसमें भी इस मूर्ति का फोटो प्रकाशित किया था। इसके बाद जिले के तत्कालीन कलेक्टर स्वतंत्रसिंह ने हिन्दी व अंग्रेजी में लिखने को दी थी।