बिधवा भाभी से शादी कर देवर ने दो ज़िंदगियों को दिया सहारा भावुक कर देगी ये खबर
कहते हैं की किसी को सहारा देना सबसे अच्छे कामों में से एक माना जाता है। और जब किसी की जिम्मेदारी ज़िंदगी भर उठाने की बात हो तो तारीफ होना लाज़िमी है। ऐसा ही कुछ एमपी के शिवपुरी में भी हुआ है। जहाँ देवर ने भाभी से शादी कर उन्हें सहारा दिया। दरअसल शिवपुरी के नबाव साहब रोड पर शिक्षक अशोक चौधरी रहते हैं। उनके पिता सरदार सिंह चौधरी जिला शिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हैं। अशोक के बड़े बेटे को ठीक एक साल पहले कोविड वायरस ने गिरफ्त में ले लिया और इलाज के दौरान मेडीकल कॉलेज में उनकी मौत हो गई। एक बुजुर्ग दादा- दादी और माता-पिता के लिए यह एक बहुत बड़ा सदमा था। बहु सपना की तो जिंदगी ही उजड़ गई। वहीँ 3 महीने की बेटी जीविका के सिर से पिता का साया छिन गया था। लेकिन परिजनों ने रूढ़िवादी सोच से ऊपर उठकर और सकारात्मक सोच के तहत बहू की शादी का निर्णय अपने दूसरे बेटे मनोज से करने का फैसला किया। दुःखी पिता का कहना है बहू भी हमारे संस्कारो में एक प्रकार से बेटी ही है। उसकी उम्र केवल 23 साल है। यह छोटी उम्र और लंबा जीवन। इसलिए शादी तो करनी ही थी। फिर उनके पिता ने समझाइश दी कि क्यों न बहू की शादी छोटे बेटे मनोज से कर दें। दोनों बेटियां घर में रहेंगी और आँगन सूना नहीं होगा। इसके बाद बहू के परिजनों से भी सलाह मश्वरा किया तो वो राजी हो गए। वहीँ मनोज चौधरी का कहना है की घर वालों ने जो भी फैसला लिया है। वह सही ही है।