होलिका दहन का मुहूर्त तीन चीजों पर निर्भर करता है। पूर्णिमा तिथि, प्रदोष काल और भद्रा न हो। ऐसा बहुत ही कम होता है कि होलिका दहन इन तीनों चीजों के साथ होने पर हो। लेकिन पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का होना बेहद जरूरी है। पूर्णिमा के रहते हुए पुच्छ काल में यानी भद्रा के आखिरी समय में होलिका दहन करना शुभ माना जाता है।फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च यानि सोमबार शाम 04:17 मिनिट से 07 मार्च की शाम 06:10 मनिट तक रहेगी. इसके साथ ही 6 मार्च को भद्रा की शुरुआत शाम 04 बजकर 17 मिनट पर हो जायेगी, जोकि 7 मार्च मगलबार को प्रात: काल 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगी।क्योंकि भद्रा काल में होलिका दहन नहीं होता। इस काल में अगर होलिका दहन किया जाता है तो इसका काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए तिथि की भूमिका अहम हो जाती है। इसलिए इसी दिन यानी 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा.
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