वैसे तो सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं बनाती है। लेकिन जब उन्हें ही इसका लाभ न मिले तो इसका क्या मतलब। हम बात कर रहे हैं। एमपी के मुरैना जिले के पोरसा तहसील के डोंडरी गांव और पाल पंचायत की, जहाँ कई ऐसे लोग हैं जिन्हे पात्र होने के बावजूद पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला। जबकि यहां दर्जनों ऐसे गरीब हैं। जिनके पास बीपीएल के कार्ड हैं। बावजूद इसके इन गरीबों के नाम पीएम आवास की सूची में कभी नहीं आ सके। जिसके वजह से यह परिवार आज भी कच्ची झोंपड़ियों में ही गुजर बसर करने को मजबूर हैं। इनकी शिकायतें और मांग कभी पूरी नहीं हो सकी।
बताया गया की डोंडरी गांव और पाल पंचायत में एक दर्जन के करीब ऐसे गरीब परिवार हैं। जिनके पास अपना कोई पक्का मकान नहीं है। और वो कच्ची झोंपड़ियों में जीवन बिता रहे हैं। शासन ने ऐसे गरीबों के लिए पीएम आवास योजना शुरू की है। जिससे गरीबों के खुद का पक्का मकान होने का सपना साकार हो सकता। लेकिन डोंडरी के इन परिवारों के नाम कभी इस सूची में नहीं आ सके हैं। जबकि ऐसे लोगों को पात्र बता कर उन्हें लाभ दे दिया जो की अपात्र हैं। इस बात को वर्तमान सरपंच ने भी स्वीकार किया। जो अब इन परिवारों को आवास की सूची में शामिल करने की बात कह रहे हैं।
ऐसा ही हाल पाल पंचायत में भी है। जहाँ गरीबी में जीवन यापन करने वालो के नाम पीएम आवास की सूची में नहीं आ सके। कई बार शिकायत करने पर भी कुछ नहीं हुआ। सुनिए ग्रामीणों का क्या कहना है।-
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