वैसे तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएम राइज स्कूल के जरिए सूबे की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, इनके शिक्षणिक स्तर के क्या हाल हैं, इसका ताजा उदाहरण प्रदेश के बालाघाट में उस समय देखने को मिला, जब यहां अचानक एक स्कूल पहुंचे कलेक्टर ने स्कूल मास्टरनी की ही क्लास ली। जिला मजिस्ट्रेट की क्लास में मास्टरनी साहेबा उन सवालों को ही खुद हल नहीं कर पाईं, जिन्हें बच्चों को पढ़ाने के लिए वो सरकार से तनख्वाह ले रही हैं।
बता दें कि, जिला अधिकारी डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने बिरसा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले सरकारी प्राइमरी स्कूल का औचक निरीक्षण किया। इंस्पेक्शन के दौरान बच्चों का ज्ञान परखने के लिए गणित का सवाल हल करने के लिए दिया। जब बच्चे उस आसान से सवाल को हल नहीं कर सके तो जीएम को बड़ी हैरानी हुई। इसका कारण स्पष्ट रूप से समझने के लिए उन्होंने क्लास टीचर सोना धुर्वे से संबंधित सवाल हल करने को कहा। अब टीचर ब्लेक बोर्ड के सामने खड़े-खड़े उससवाल को ताकती रहीं, पर उनसे भी वो सवाल हल नहीं हो सका। बता दें कि, ये साधारण सा भाग का सवाल था, जिसमें 441 को 4 से भाग करने के लिए कहा गया था।
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