दरअसल,झारखंड पलामू जिले के पांडू प्रखंड का रहने वाले सौरभ पांडे यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई। उधर, 30 मई 2022 को यूपीएससी-2021 की परीक्षा के रिजल्ट के बाद उसने खुद के सफल होने की खबर फैला दी।कामयाबी की इस झूठी सूचना के आधार पर वो एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर सम्मानित हुआ.और हाल ही में झारखंड सरकार ने प्रदेश के उन सभी छात्रों को सम्मानित किया, जिन्होंने यूपीएसई 2021 में सफलता हासिल की। जिसमे 27 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यूपीएसई में सफल हुए सभी छात्रों को सम्मानित किया तो उसमें सौरभ पांडेय उर्फ कुमार सौरभ भी शामिल हुए। सभी ने हेमंत सोरेन के साथ फोटो भी खिंचवाई।उसने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों सम्मान लिया और इतना ही नही सीएम के साथ खाना भी खाया जैसे ही ये फोटो मीडिया में आई, कुमार सौरभ की पोल खुल गई और उत्तरप्रदेश के सौरभ कुमार ने उसे एक्सपोज़ किया उसको दिल्ही में upsc की तयारी करने वाले स्टूडेंट्स के वट्सअप ग्रुप पर ये जानकरी मिली की कोई खरखण्ड का कोई लड़का उनके नामसे झारखॉंड़ के नाम से फोटो खिचवा चूका हे इसके बाद उसको एक्सपोस किया यूपीएससी में सेलेक्शन नहीं होने की चर्चाएं जोर-शोर से होने लगी।पहले सौरभ लोगों से कहता था कि उसके रैंक अच्छे नहीं आए हैं, इसलिए वो इस बार नौकरी नहीं ज्वाइन करेगावो अच्छे रैंक हासिल करने के बाद ही नौकरी ज्वाइन करेगा, लेकिन अब उसकी पोल खुल गई तो सौरभ ने अब अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि नाम के कारण यह कंफ्यूजन हुआ। उसने कहा कि मैंने यूपी के सौरभ से फोन कर माफी मांगी, जिसका चयन सच में UPSC में हुआ है।लेकिन अब उसके खिलाफ पलामू के पांडु थाना में एफआईआर दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 420 ,419, 468, 406, 476, 471, 193, 199 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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