एमपी के मुरैना जिले में नकली और मिलावटी दूध का कारोबार चरम पर है। शहरी क्षेत्रों की तुलना में अब ग्रामीण इलाकों में नकली दूध बनाने की डेयरियां चल रही हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जौरा तहसील के बिलगांव गांव में नकली दूध बनाने की डेयरी को पकड़ा है। जहां डिटर्जेंट और अन्य केमिकलों से हर रोज हजारों लीटर नकली दूध बनाकर चिलर प्लांटों पर खपाया जाता था।
बताया गया की खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को बिलगांव के अंदर मुख्य रोड पर चलने वाली एक डेयरी पर मिलावटी और नकली दूध बनने की सूचना मिली। जिस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार जैन ने अपनी टीम के साथ राजवीर बघेल की डेयरी पर छापामार कार्रवाई की तो देखकर अफसर भी हैरान रह गए। दरअसल इस डेयरी पर डिटर्जेंट और अन्य केमिकलों से नकली और मिलावटी दूध तैयार होता था। मौके पर 25 लीटर नकली दूध के लिए बनकर तैयार रखे घोल के अलावा 30 लीटर रिफाइंड आयल, 40 लीटर लिक्विड डिटर्जेंट, 7 किलो िस्कम्ड मिल्क पाउडर, 4 किलो माल्टो डेक्सट्रिन पाउडर मिला। साथ ही 400 लीटर तैयार दूध भी यहां मिला है। डेयरी संचालक के पास दूध खरीदने और बेचने का लायसेंस था। इसकी आढ़ में वह नकली दूध का कारोबार करता था। टीम ने दूध, घाेल, डिटर्जेंट पाउडर, रिफाइंड आयल के सैंपल लिए। इसके बाद डेयरी को सील करवाया और फिर जौरा थाने में डेयरी संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है
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