भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर जनता के सामने उजागर हो गया हुआ है। भाजपा-आरएसएस हमेशा से ही दलित, आदिवासी, ओबीसी आरक्षण विरोधी रही है। ये बात सागर जिले के देवरी से कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने कही है। उन्होंने आगे कहा चाहे मप्र के ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिषत आरक्षण देने का मामला हो या पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने का मामला। क्योंकि इसको लेकर मप्र सरकार ने कोर्ट को ओबीसी का प्रमाणित डेटा ही उपलब्ध नहीं कराया है। जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। हम सभी इस बात का पूरा विरोध करते हैं। साथ ही सुप्रीम कोट के उक्त फैसले को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने स्पष्ट रुप से अपने कथन में कहा है। कि ओबीसी आरक्षण की चुनौती हमारे HC/SLP में नहीं है। मप्र की याचिका रोटेशन से सम्बंधित थी। हमारा तर्क था और है की पंचायती राज चुनाव रोटेशन की पद्धति से ही सम्भव है। इसी के सुनवाई के लिए सर्वाेच्च न्यायालय गए। 2/3 दिन पहले महाराष्ट्र पर आधारित OBC निर्णय मप्र की परिस्थिति में लागू करना न्यायालय का निर्णय है। यह एक गम्भीर विषय है और इसका जवाब राज्य सरकार ही दे सकती। दरअसल विधायक हर्ष यादव ने पत्रकार वार्ता की थी जिसमें उन्होंने ये बात कही साथ ही और भी जानकारी दी।--
सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.