जब लोग शमसान में चिताओं का अंतिम संस्कार करने पहुँचते थे तो वहाँ उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। क्योंकि टीन शेड नहीं था। सड़क भी हस्ताहल है। जिससे बारिश में परेशानी जाती थी। लेकिन बैतूल जिले के झल्लार के सावलमेढ़ा गांव में एक समाजसेवी ने तीन लाख की लागत से खुद ही शमसान घाट में टीन शेड और सौंदर्यीकरण के अलावा बैठक व्यवस्था का निर्माण कराया। आइए इसलिए करना पड़ा क्योंकि पंचायत ने निर्माण कराने से मना कर दिया था। बताया गया की गांव के लोग लंबे अरसे से सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्य की मांग कर रहे थे। लेकिन पंचायत ने जब राशि न होने का हवाला देते हुए निर्माण कार्य कराने से इंकार किया तो सावलमेंढा के युवा सागर शिवहरे ने अपने दादा की स्मृति में ही तीन लाख रुपए की लागत से मोक्ष धाम में निर्माण कराया। जिसके बाद लोग उसकी जमकर प्रशंसा कर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं की टीन शेड न होने से बारिश के समय सबसे ज्यादा समस्या होती थी।
समाज सेवी सागर शिवहरे ने कहा की जब भी गांव के शमसान पर आते थे तो यहां पर हर समय शव जलाने की भी व्यवस्था नहीं थी।---
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