क्या मतलब की ऐसी योजनाएं की गरीब को फायदा ही न मिले गंदा पानी पीने मजबूर लोग
कुछ भी बातें हों लेकिन लोगों को आज भी पानी के लिए परेशान होना पड़े तो सरकारी योजनाओं पर सवाल उठना लाजिमी हो जाता है। दमोह जिले के पथरिया क्षेत्र में लोग आज भी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीण बताते हैं कि कई बार सरपंच सचिव को जल संकट की स्थितियों से अवगत कराया। कई दफा 181 पर भी शिकायत की। लेकिन जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।
मामला पथरिया के ग्राम पंचायत मेहलवारा के पीपर खिरिया गांव का है जहां करीब 180 परिवारों में 450 लोगों की आबादी है। और 5 हैंडपंप लगे हुए हैं लेकिन 1 ही चालू हालत में है। ग्रामीणों ने बताया कि 15 दिनों पहले हैंडपंप की मोटर खराब हो गई थी जिसको लेकर सरपंच सचिव से बार-बार शिकायत की गई। लेकिन सुधार नही कराया गया तो उसके बाद ग्रामीणों ने निजी पैसों से चंदा करके उस पानी की मोटर को सुधरवाया लेकिन जलस्तर कम होने पर हैंडपंप से पानी कभी कभी ही निकलता है।
बताया गया कि सरकारी नलकूप क्षतिग्रस्त होने से गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे है और गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। जो ये नदी से लाते हैं। इस दौरान महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीण निरपत सेन ने बताया की नदी के पास बने सामू घाट से ग्रामीण अपनी प्यास बुझाने को नदी से दूषित पानी घर ले जाते हैं। कई बार छोटे बच्चों की तबियत खराब हुई। किसी तरह पानी का इंतजाम कर प्यास बुझाते हैं एक तरफ नल जल योजना के नाम पर लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं। लेकिन धरातल पर कुछ ऐसा दिखता नहीं। मामले में पथरिया तहसीलदार आलोक जैन ने बताया कि मामला अभी संज्ञान में आया है इसका निराकरण किया जाएगा।---