एक तरफ फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना की वैक्सीन लग रही है तो दूसरी तरफ सागर जिले के राहतगढ़ में गाइडलाइन के मुताबिक टीके नहीं लगाए जा रहे हैं दरअसल ऐसा ही मामला सामने आया जहाँ 6 महीने के नवजात शिशु की मां जो आशा कार्यकर्ता है। उसे वैक्सीन का डोज लगा दिया गया। कोविड-19 गाइडलाइन नियम के मुताबिक नवजात शिशु जो मां का दूध पीते हो और जिनकी उम्र 6 महीने से कम हो ऐसी महिलाओं को वैक्सीन नहीं लगना चाहिए। लेकिन आशा कार्यकर्ता विनीता अहिरवार को दूसरा वैक्सीन का डोज लगा दिया गया। जब उसे वैक्सीन का पहला डोज लगा था तब उसके बच्चे की उम्र 6 महीने से कम थी। उसके बाद भी वैक्सीन का पहला और अब दूसरा डोज भी लगा दिया गया। हालांकि आशा को कोई समस्या नहीं हुई। डॉ. लक्ष्मण यादव का कहना है कि 6 महीने से ऊपर के बच्चे की मां को वैक्सीन का टीका लग सकता है। अगर विभाग की गलती है तो जांच की जाएगी।
वहीँ सामुदायिक अस्पताल पहुँचने पर बीपीएम मनीष दुबे भड़क गए और मीडियाकर्मियों पर बरस पड़े।--
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