सिलाई के काम ने बदल दी इन महिलाओ की तकदीर,हो रहा लाखों का मुनाफा


 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फ़ॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर इन दिनों मध्य प्रदेश के बैतूल के कई गांवों में नजर आ रही है। अपनी मेहनत और लगन से बिजनेस की एबीसीडी पढ़ रही महिलाओं ने यहां अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ना शुरू कर दिया है और उनके सपने साकार होने लगे है ।अब ये महिलाएं उन अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्रेस भी सिलेंगी जो ब्रांडेड कंपनियों और ऊंचे दर्जे के दर्जियों के सिले कपड़े पहनते है। महिलाओं के स्व सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने की कड़ी में यह नवाचार बैतूल में शुरू किया गया है। पेटीकोट सिलने वाली महिलाएं अब यहां शूट पैंट ही नही कड़क डिजायनर ब्लेजर सिलने की तैयारी कर रही है।  उसी की कड़ी में वे अब सरकारी दफ्तरों के बाबू से लेकर अफसरों तक के कपडे तैयार करने की कवायद में जुटी है। जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बनाये गए सैकड़ो स्व सहायता समूहों की महिलाएं इन दिनों अपने हुनर का जौहर दिखा रही है। इन्ही में से यहां बनाये गए 9 हाईटेक सिलाई सेंटरों में सैकड़ो महिलाएं न केवल रोजगार पा रही है बल्कि वे अपने काम धंदे की खुद मालिक बनी हुई है। यहां आठनेर स्थित केंद्र पर महिलाओं का समूह इन दिनों ब्रांडेड कपड़े तैयार कर रही है। राजस्थान के भीलवाड़ा से कपड़ो की खरीदी और फिर उनकी कटिंग से लेकर सिलाई,पैकेजिंग और मार्केटिंग कर रही महिलाओं ने बीते लाकडाउन् से अब तक लाखो रुपये का मुनाफा कमाकर कामयाबी की इबारत लिख दी है।
अब उनकी तैयारी अफसरों के कपड़े सिलने की है।जिसे अफसर मिलकर कामयाब बनाने में जुटे है। यहां निर्देश दिए गए है कि प्रत्येक अधिकारी कम से कम एक जोड़ कपड़े उन समूहों से जरूर सिलवाएं। कपड़ों पर स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित लोगो भी लगाया जाए। इस नवाचार से महिलाये खुश है तो वे अपने इस नए मिलने वाले आर्डर से उत्साहित है।


By - sagar tv news

21-Dec-2020

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