स्कूल तो है लेकिन बच्चों को खेलने की कोई सुविधा नहीं है आखिर क्या किया जाए ?


 


सरकार सरकारी स्कूलों में तमाम सुविधाओं का भरसक प्रयास करती है। लेकिन इसके बाद भी कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है। फिलहाल हम बात दमोह जिले के पथरिया तहसील के एक मात्र मॉडल स्कूल की कर रहे हैं। जो सिर्फ कागजों तक सीमित नजर आने लगा है। 2011 से संचालित हुए स्कूल को बिल्डिंग तो 2015 में मिल गई। और पर्याप्त स्टाफ भी, लेकिन ग्राउंड का आज भी अस्त व्यस्त है। खेल गतिविधियों में रुचि रखने वाले छात्र भी अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाते। दूरदराज गांव के छात्रों से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना है। कि स्कूल परिसर तक आने के लिए कोई सुलभ रास्ता नहीं है जिस कारण कई बार परेशानी उठानी पढ़ती है। तो वहीं दूसरी ओर बाउंड्री बॉल के गेट से स्कूल के गेट तक पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग नहीं है। जगह-जगह गड्ढे हैं। और ग्राउंड में आवारा तत्वों द्वारा अवैध खनन किया गया है। जिस कारण से भारी भरकम गड्ढे है। जो कि बारिश के दिनों में दलदल में तब्दील हो जाते हैं। इसको लेकर कई बार स्कूल प्राचार्य से भी कहा गया लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
तो मॉडल हाई स्कूल के प्राचार्य संतोष जैन ने बताया कि उनकी तरफ से कई बार विभाग को इस बारे में लिखित रूप अवगत करवाया गया। लेकिन विभाग की ओर से इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। इस कारण यह समस्या आई है।-


By - sagar tv news

05-Dec-2020

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