एक तो गरीबी ऊपर से गीला आटा और जब ऐसा कुछ होता है। तो इंसान दिल और दिमाग दोनों से टूट जाता है। सागर जिले के राहतगढ़ में रहने वाले दिव्यांग वीरू कोरी के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। जिसे सरकार और प्रशासन से दरकार की आस है। क्योंकि उसके पैर में करीब पांच महीने पहले एक घाव हो गया था जो गंभीर जख्म बन गया। जिसका इलाज कराने उसके पास पैसे नहीं है। यहाँ तक की पचास हजार रूपये में घर तक गिरवी रखा हुआ है। पत्नी और बच्ची भी दिव्यांग है। और वो मजदूरी कर अपना गुजारा करता है। वीरू के मुताबिक पैर का इलाज कराने वो बीएमसी पहुंचा। जहाँ डॉक्टरों ने पैर काटने की बात कही। इसके बाद वो जब भोपाल पहुंचा तो वहां दर-दर भटकने के बाद मुख्यमंत्री निवास पहुंचा। जहां उसे मुफ्त इलाज कराने का आश्वासन मिला। चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर आरके राय के हस्ताक्षर से पत्र हमीदिया अस्पताल भोपाल के लिए जारी किया गया। वो पत्र लेकर वहां भटकता रहा लेकिन इलाज नसीब नहीं हुआ। इसके बाद घर गिरवी रख प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया। अब उसके पास न दवा है। न ही पैसे हैं। घर चलने तक के लाले पड़े हैं। पत्नी और बच्चा सागर में हैं। इन्हे बस आस है की सरकार मदद कर दे ताकि ज़िंदगी अच्छे से गुजर सके।
सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.