10 सालों में 150 से भी ज्यादा रेस्क्यू पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम आयी अव्वल


 

 

काफी विवादों और लगातार हो रही बाघों की मौत के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व से एक अच्छी खबर सामने आई है। पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम कार्यकुशलता के मामले में सबसे बेहतर साबित हुई है। इसीलिए ये टीम पहले स्थान पर आयी है। कान्हा टाइगर रिजर्व में 23 से 25 नवंबर तक आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के पांचों टाइगर रिजर्व, सभी सेंचुरी और वन मंडलों के रेस्क्यू स्क्वायड शामिल हुए। जहाँ सभी ने अपना प्रेजेंटेशन दिया। जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को पहला वन विहार भोपाल को दूसरा साथ ही पेंच और संजय टाइगर रिजर्व को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने अपनी टीम की ओर से ट्रॉफी हासिल की।
बता दें की पन्ना टाइगर रिजर्व साल 2009 में बाघ विहीन हो गया था। जिसके बाद बाघ पुनर्स्थापना शुरू की गई। बाघ पुनर्स्थापना योजना को मिली शानदार कामयाबी के कारण पन्ना टाइगर रिजर्व ने देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई। यहाँ कान्हा और बांधवगढ़ से दो बाघिन के अलावा पेंच टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ लाया गया था। कुछ समय बाद नन्हें शावकों ने जन्म लिया और पन्ना टाइगर रिजर्व फिर से गुलजार हो गया। इसके साथ ही यहां पर दो बाघिनों को जंगली बनाने का अभिनव प्रयोग भी सफल रहा। जिससे पन्ना टाइगर रिजर्व को न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली बल्कि कई देश पन्ना मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित हुए। इस कामयाबी में पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव कुमार गुप्ता और उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस टीम ने बीते 10 सालों में 150 से भी ज्यादा रेस्क्यू ऑपरेशन सहित 65 बार बाघ और बाघिनों का सफल रेडियो कॉलर किया है।  जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।-


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28-Nov-2020

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