दमोह जिले के एक गाँव के लोग विकास कार्यों और जरुरी चीजों के लिए यहां से वहाँ होते रहते हैं लेकिन काम नहीं होता क्योंकि इसकी कहानी ही बड़ी अजीबो गरीब है दरअसल जबेरा जनपद के अंतर्गत आने वाला मैली गांव जो दो पंचायतों के बीच बटा हुआ है। जिससे यहाँ के ग्रामीण सरकारी योजनाओं को तरस रहे हैं। और दोनों ही सरपंच अपने अपने राग अलाप रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार अधिकारीयों से इस समस्या के समाधान की गुहार लगायी लेकिन हाथ कुछ नहीं आया। जानकारी के मुताबिक मैली गॉंव को करीब 20 साल पहले कलेहरा खेड़ा पंचायत से तोड़कर घाना ग्राम पंचायत में शामिल किया गया था। लेकिन इस दौरान इस पंचायत की कागजी कार्रवाई पूरी तरह से घाना पंचायत को हैंड ओवर नहीं की गई थी। न ही इसकी ओर किसी जिम्मेदार ने ध्यान दिया। जिससे ग्रामीण आज भी परेशान हैं। कई सरकारी योजनाओं के अलावा पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि उनके गांव के आवास की लिस्ट कलहरा खेड़ा ग्राम पंचायत में आती है। और मैली ग्राम पंचायत के लोग घाना ग्राम पंचायत में आते हैं। वहीँ कलेक्टर से जब जानना चाहा तो उनका कहना है। की मामला संज्ञान में आया है। जो भी जरुरी कार्यवाई होगी वो की जाएगी
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